Pramukh Swami Maharaj: पीएम मोदी ने गुजरात में प्रमुख स्वामी महाराज के शताब्दी समारोह का किया उद्घाटन, देखें खास तस्वीरें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को स्वामीनारायण संप्रदाय के संत प्रमुख स्वामी महाराज के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रमुख स्वामी ने हमेशा उन्हें बेटे की तरह माना.
अक्षरधाम मंदिर पर 2002 में आतंकवादी हमले के समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान पीएम मोदी ने प्रमुख स्वामी के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुए कहा कि स्वामी ने पूछा था कि क्या मुख्यमंत्री का आवास प्रभावित हुआ था क्योंकि यह मंदिर के पास था. पीएम मोदी ने संप्रदाय के प्रमुख वर्तमान महंत स्वामी महाराज के साथ दिवंगत बीएपीएस (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) के संत के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की.
सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के शपथ ग्रहण के लिये पीएम मोदी अहमदाबाद आए थे. पिछले तीन दिन में दूसरी बार अपने गृह राज्य के दौरे पर आए पीएम मोदी ने समारोह का उद्घाटन किया जो एक महीने तक होगा.
प्रधानमंत्री ने प्रमुख स्वामी महाराज के साथ अपने विशेष संबंध को याद करते हुए कहा कि दुनिया भर में कई मंदिरों का निर्माण कराने वाले ‘‘महान संत’’ उन्हें बेटे की तरह मानते थे. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने राजकोट से अपना पहला राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र पर जिस कलम से हस्ताक्षर किए थे वह उन्हें प्रमुख स्वामी महाराज ने भेजी थी.
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘इसके बाद वह हर बार नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मुझे कलम भेजा करते थे और जब मैंने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा तो उन्होंने भाजपा के रंग वाली कलम भी भेजी थी.’’
पीएम मोदी ने कहा कि जब वह बीजेपी के नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ कश्मीर में (1992 में निकाली गई बीजेपी की एकता यात्रा के हिस्से के रूप में) तिरंगा फहराने गए थे, तब श्रद्धेय संत प्रमुख स्वामी महाराज ने सबसे पहले उन्हें फोन किया था और उनकी कुशलक्षेम पूछी थी. प्रधानमंत्री ने प्रमुख स्वामी महाराज की एक सुधारक के रूप में प्रशंसा की, जिन्होंने अपने पूरे जीवन में दूसरों की सेवा की और अपने शिष्यों को भी यही सिखाया.
पीएम मोदी ने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज ने उन्हें लोगों की सेवा करना सिखाया और हर मौके पर उनका मार्गदर्शन किया. उन्होंने याद किया कि आध्यात्मिक नेता उन्हें हर साल कुर्ता और पायजामा की एक जोड़ी भेजते थे और यह सिलसिला 40 वर्षों तक जारी रहा. बीएपीएस संप्रदाय के ब्रह्मविहारी स्वामी ने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज पीएम मोदी को अपने बेटे की तरह मानते थे और हमेशा उनकी परवाह करते थे.
ब्रह्मविहारी स्वामी ने लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री की प्रमुख स्वामी महाराज के साथ हुई एक मुलाकात का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘एक बार दोनों के बीच एक मुलाकात के दौरान, जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने (पीएम मोदी) उनसे (प्रमुख स्वामी) कहा कि वह सब कुछ छोड़कर साधु बनना चाहते हैं. जिस पर, प्रमुख स्वामी ने कहा था कि उन्हें कभी हार नहीं माननी चाहिए क्योंकि देश का भविष्य उन पर निर्भर करता है.’’
प्रमुख स्वामी महाराज ने 1950 और 2016 के बीच स्वामीनारायण समुदाय की 16 शाखाओं में सबसे लोकप्रिय बीएपीएस का पांचवें आध्यात्मिक गुरु के तौर पर नेतृत्व किया. इस अवधि के दौरान संप्रदाय ने अटलांटा, लॉस एंजिल्स, लंदन, टोरंटो, ऑकलैंड और सिडनी जैसी जगहों पर मंदिरों की स्थापना की. नयी दिल्ली और गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर हैं और एक मंदिर न्यू जर्सी में जल्द ही खुलेगा.
स्वामीनारायण संप्रदाय की शुरुआत वैष्णव आंदोलन से हुई जिसने 18वीं शताब्दी की शुरुआत में हिंदू सनातन धर्म के मूल्यों पर जोर दिया. संप्रदाय के प्रमुख को बहुत प्रभावशाली माना जाता है और अपने 10 लाख से अधिक अनुयायियों के साथ उनका महत्वपूर्ण जुड़ाव होता है. संप्रदाय के छठे और वर्तमान प्रमुख 89 वर्षीय महंत स्वामी महाराज हैं.