एशिया के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम अगले महीने हो सकता है पूरा, मंत्री आतिशी ने किया निरीक्षण
यह परियोजना अपने निर्धारित समय से तकरीबन 11 महीने देरी से चल रही है. हालांकि अब इस प्लांट का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है, और अगले महीने के अंत तक इस प्लांट के पूरी तरह से तैयार हो जाने की संभावना जताई जा रही है.
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View In Appइसका जायजा लेने के लिए दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी गुरुवार को ओखला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पहुंची.
प्लांट के निरीक्षण के दौरान मंत्री आतिशी ने जल बोर्ड के अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश देते हुए दिसंबर के अंत तक प्लांट का काम पूरा करने को कहा.
इस प्लांट के निर्माण कार्य के संपन्न हो जाने पर जहां एक तरफ वेस्ट वाटर को शोधित किया जाएगा, वहीं दूसरी तरफ उस वेस्ट को ट्रीट करने के बाद बची हुई गाद से 4.8 मेगावाट बिजली बनाई जाएगी.
मंत्री ने जल बोर्ड के अधिकारियों से कहा कि हर सोमवार को उन्हें प्लांट के निर्माण कार्य की प्रगति की रिपोर्ट दी जाए. आतिशी ने कहा कि प्लांट में गंदे पानी को ट्रीट करने से काफी मात्रा में गाद निकलेगा.
गाद से करीब 4.8 मेगावॉट बिजली तैयार करने का लक्ष्य है. प्लांट को चलाने के लिए जितनी बिजली की जरूरत होगी, उसका आधा गाद से तैयार होने वाली बिजली से ही पूरी हो जाएगी. यह ट्रीटमेंट प्लांट एशिया का सबसे बड़ा प्लांट होगा.
निरीक्षण के दौरान एबीपी लाइव को आतिशी ने बताया कि इस प्लांट का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. इसका ज्यादातर काम पूरा कर लिया गया है और अगले महीने के अंत तक यह प्लांट बन कर तैयार हो जाएगा.
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