In Pics: एक हाथ में छोटा बेटा, दूसरे हाथ में रहाणे की किट लेकर पैदल चलत थी मां, जानें बल्लेबाज़ के संघर्ष की कहानी
भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज़ अजिंक्य रहाणे आईपीएल 2023 की शुरुआत से चर्चाओं में बने हुए हैं. रहाणे ने इस सीज़न सभी को अपने बैटिंग से दीवाना बना लिया है. इसी शानदार बैटिंग के चलते रहाणे को 7 जून 2023 से होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया है. रहाणे लंबे वक़्त से टीम इंडिया से बाहर थे.
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View In Appउन्होंने अपना आखिरी टेस्ट जनवरी, 2022 में खेला था. तो आइए जानते हैं क्या है रहाणे के क्रिकेटर बनने के कहानी. रहाणे ने 2020 में इंडिया टुडे को दिए गए इंटरव्यू में अपने संधर्ष की कहानी बताई थी. उन्होंने बताया था कि कैसे वो अपनी की वजह से क्रिकेटर बने.
रहाणे की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और वो शुरुआत में अपनी मां के साथ ही क्रिकेट एकेडमी जाया करते थे. रहाणे ने बताया कि उनकी मां आठ किलोमीटर तक उनका किट बैग पकड़कर चलती थी और इस दौरान मां के दूसरे हाथ में उनका छोटा भाई होता था. रहाणे का परिवार रिक्शे का खर्च नहीं उठा सकता था. वो हफ्ते में एक या दो बार ही रिक्शे से जा पाते थे.
रहाण ने बताया था कि वो आज जो कुछ भी हैं वो अपने माता-पिता की वजह से हैं और वो अपने माता-पिता के लिए आज भी वही पुराने वाले रहाणे हैं. इसके अलावा बल्लेबाज़ ने अपने ट्रेन सफर के बारे में दिलचस्प बात बताई.
रहाणे ने बताया कि जब वो सात साल के थे, तब उनके पिता ने उन्हें पहले दिन डोंबिवली सीएसटी तक छोड़ा था और फिर काम पर गए थे. अगले ही दिन पिता ने रहाणे से ट्रेन में अकेले सफर करने के लिए कहा. पिता उन्हें डोंबिवली तक छोड़ देते थे, जहां से वो अपने कोचिंग एकेडमी जाते थे.
रहाण ने आगे बताया कि उन्हें बाद में पता चला कि उनके पिता ट्रेन के पीछे वाले डिब्बे में रहते थे. उनके पिता ये देखना चहाते थे कि क्या वो ट्रेन में अकेले जा पाएंगे या नहीं. इस तमाम संघर्षों का सामना कर रहाणे टीम इंडिया तक पहुंचे.
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