Sinking of Joshimath: कहीं घरों के बाहर पड़ा सामान तो कहीं दो हिस्सों में बंटी दिखी सड़क... जोशीमठ से सामने आईं ये भयावह तस्वीरें
जोशीमठ में इन दिनों भूस्खलन का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है. लोगों के घर की दीवारों में दरारें आ रही हैं. इस कारण लोग अपने घर को छोड़ने पर मजबूर हैं.
भयावह स्थिति के कारण लोगों के मन में डर सा बना हुआ है. जोशीमठ में रविवार को घरों के धीरे-धीरे 'डूबने' से प्रभावित लोग घर से निकासी के लिए अपने सामान के साथ सुरक्षित जगहों को जाने के लिए साधन का इंतजार करते देखे गए.
अपने मकानों के ढहने से आशंकित लोग जोशीमठ में तहसीलदार कार्यालय के बाहर जमा हो गए. लोगों की संपत्ति का बेहद नुकसान हुआ है जिससे लोग काफी आहत हैं.
जोशीमठ में भूस्खलन के बाद एक इमारत झुक गई है.अधिकारियों ने कहा है कि असुरक्षित घरों से बाहर निकलें क्योंकि उनके रहने की व्यवस्था होटल, होमस्टे और अन्य सुरक्षित स्थानों पर की गई है.
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में टूटे मकानों के पास खड़े लोग निराश हैं. लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि जिस तरह से इस शहर में जमीन धंस रही है और मकानों में दरारें पड़ रही हैं, कहीं उनका घर किसी दिन उन्हीं पर ना गिर जाए.
जोशीमठ में काफी समय से जमीन धंसने की घटनाएं धीरे-धीरे हो रही हैं, लेकिन पिछले एक हफ्ते में इसकी गति बढ़ गई है और घरों, खेतों तथा सड़कों में बड़ी दरारें दिखाई दे रही हैं. पिछले हफ्ते नगर के नीचे पानी का एक स्रोत फूटने के बाद स्थिति और खराब हो गई.'
जोशीमठ के धंसने के पीछे दूसरी जो सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है, वह यह है कि ये शहर दरअसल, ठोस जमीन पर नहीं बसा है.
कहा जाता है ये शहर ग्लेशियर द्वारा लाए गए मलबे पर बसा है. यानी जोशीमठ शहर के नीचे की जमीन लैंडस्लाइड मटीरियल है, जो अब धंसती जा रही है और इसी की वजह से वहां जमीन फट रही है और घरों की दीवारों में दरारें पड़ रही हैं.