हिट एंड रन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन, हड़ताल पर उतरे ट्रक-बस ड्राइवर, कई राज्यों में चक्काजाम, देखें तस्वीरें
छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में यात्री बसों के चालकों ने 'हिट-एंड-रन' मामलों से संबंधित नए कानून को वापस लेने की मांग को लेकर काम बंद किया, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
महाराष्ट्र के सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर और गोंदिया जिलों में भी 'रास्ता रोको' प्रदर्शन किया गया. वहीं, नवी मुंबई और अन्य स्थानों पर स्थिति नियंत्रण में है. नासिक जिले में टैंकर चालकों ने काम बंद कर दिया और एक हजार से अधिक टैंकर पनेवाडी गांव में खड़े कर दिए. पनेवाडी गांव एक ईंधन डिपो है, जहां ये टैंकर खड़े किए गए.
गुजरात में भी नए कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने खेड़ा, वलसाड, गिर सोमनाथ, भरूच और मेहसाणा जिलों से गुजरने वाले राजमार्गों पर वाहन खड़े कर नाकेबंदी की. मेहसाणा में मेहसाणा-अंबाजी राजमार्ग और खेड़ा में अहमदाबाद-इंदौर राजमार्ग कुछ समय के लिए अवरुद्ध हो गए क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने मुख्य मार्गों पर जलते हुए टायर रख दिए. प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवरों ने सड़क पर टायरों और कूड़े में भी आग लगाकर विरोध किया.
हरियाणा के जींद और उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी 'हिट एंड रन' मामलों पर ट्रक चालकों का गुस्सा फूटा और सोमवार को निजी बसों और ट्रक चालकों ने तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की. विरोध प्रदर्शन के दौरान 300 से ज्यादा ट्रकों ने सेवा बंद कर दी.
उत्तर प्रदेश के आगरा और मेरठ में नववर्ष के पहले दिन रोडवेज बस और ट्रक चालकों ने नए कानून में चालकों को सजा और जुर्माने के प्रावधान का विरोध किया. चालकों ने आईएसबीटी, ईदगाह और बिजलीघर बस स्टैंड पर रोडवेज बसों को खड़ा कर दिया. उनकी मांग है कि सरकार को कानून में संशोधन करना चाहिए.
मेरठ में बस चालकों के साथ टैक्सी चालक भी हड़ताल में शामिल हुए. इससे लोगों को परेशानी हुई. कई जगहों पर जहां पर ऑटो चल रहे थे उनमें सवारियों की भीड़ उमड़ती देखी गई.
यूपी के मेरठ में बस ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से लोगों को नए साल के पहले दिन बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा. लोगों को घंटों दूसरे वाहनों का इंतजार करना पड़ा.