दिल्ली हाई कोर्ट से मिला महुआ मोइत्रा को झटका, टीएमसी नेता को खाली करना पड़ा सरकारी आवास
टीएमसी की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा के वकील शादान फरासत ने कहा कि प्राधिकारियों के पहुंचने से पहले ही आज सुबह 10 बजे तक टेलीग्राफ लेन पर स्थित बंगला संख्या 9बी खाली कर दिया गया. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘बेदखली की कोई कार्रवाई नहीं हुई.’’
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View In Appकेंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने बंगला खाली कराने के लिए सुबह एक दल भेजा था और आसपास के इलाके में अवरोधक लगा दिए थे. निदेशालय ने इस सप्ताह मोइत्रा को बंगला खाली करने का नोटिस भेजा था. एक अधिकारी ने बताया कि, ‘‘बंगले का कब्जा आधिकारिक रूप से संपदा निदेशालय को सौंप दिया गया है. हम यह आकलन कर रहे हैं कि संपत्ति को कोई नुकसान तो नहीं हुआ है.’’
मोइत्रा को गुरुवार(18 जनवरी) को दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली. हाई कोर्ट ने संपदा निदेशालय के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और उनसे सरकारी बंगला खाली करने के लिए कहा. न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया ने कहा कि अदालत के समक्ष किसी विशेष नियम का उल्लेख नहीं किया गया है, जो सदस्यता रद्द होने पर सांसदों को सरकारी आवास से बेदखल करने से संबंधित हो.
टीएमसी नेता को पिछले साल 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित किया गया था. उन्हें बंगले का आवंटन रद्द किए जाने के बाद 7 जनवरी तक बंगला खाली करने के लिए कहा गया था. संपदा निदेशालय ने 8 जनवरी को एक नोटिस जारी कर उनसे तीन दिन के अंदर जवाब मांगा था कि उन्होंने सरकारी बंगला खाली क्यों नहीं किया है. 12 जनवरी को उन्हें फिर एक नोटिस भेजा गया था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 जनवरी को टीएमसी नेता से संपदा निदेशालय का रुख कर उन्हें आवंटित सरकारी बंगले में रहने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध करने को कहा था.
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