Ram Mandir Inauguration: श्याम वर्ण में रामलला का विग्रह गर्भगृह में विराजमान, सबसे पहले दिखे चरण, आप भी करिए घर बैठे दर्शन
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के मुताबिक, रामलला की इस मूर्ति को दोपहर 12:30 बजे के बाद गर्भगृह में प्रवेश कराया गया. आइए, जानते हैं इस मूर्ति से जुड़ी खास बातें:
रामलला इस विग्रह में 5 वर्ष के बालक रूप में. यह मूर्ति 51 इंच की है. भक्तों को मूर्ति के दर्शन लगभग 35 फुट दूर से ही करने होंगे.
राम मंदिर की पहली मंजिल पर भगवान राम का दरबार होगा. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि, राम दरबार में राम, सीता और हनुमान की भी मूर्ति रहेगी. अभी ये मूर्तियां बनाई जा रहीं हैं.
चंपत राय ने बताया कि देश के काबिल वैज्ञानिकों की मदद से यह सुनिश्चित किया गया है. इसी वजह से मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच निर्धारित की गई है.
यह मूर्ति लगभग डेढ़ टन की है और पूरी पत्थर की है. मूर्ति बनाते वक़्त इस बात का ख़ास ध्यान रखा गया है कि अगर उसे जल या दूध से स्नान कराया जाए तो पत्थर पर कोई प्रभाव न पड़े. यही नहीं, अगर उस पानी को पिया जाए तो उसका भी कोई दुष्परिणाम न हो.
तीन मूर्तिकारों ने तीन अलग-अलग पत्थरों पर रामलला की मूर्ति बनाई थी जिसमें से एक मूर्ति का चयन हुआ. चंपत राय ने बताया कि बाकी सभी मूर्तियां ट्रस्ट के पास रहेंगी.
चंपत राय के अनुसार, भगवान राम की मौजूदा प्रतिमाएं जिनकी उपासना, सेवा, पूजा पिछले 70 साल (1950 से) से हो रही है, वे भी नए मंदिर के मूल गर्भगृह में रखी जाएंगी.