Ram Mandir Inauguration: राम शिलाओं का इस्तेमाल, नहीं लगा लोहा, दरवाजों पर सोने की परत... कितना भव्य है अयोध्या का राम मंदिर, 10 facts
इस मंदिर को लेकर देश-विदेश में लोगों के अंदर काफी उत्साह देखा जा रहा है. लोग इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाह रहे हैं. यहां हम बता रहे हैं मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य.
यह मंदिर 70 एकड़ में बना है. श्रद्धालु पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे. इस मंदिर की नींव को बनाने में 2587 जगहों की मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है.
अयोध्या में बने इस राम मंदिर में 5 आकर्षक मंडप भी बनाए गए हैं. इन मंडपों में नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, कीर्तन मंडप और प्रार्थना मंडप शामिल हैं. डिजाइन संरचना के आधार पर भारत का सबसे बड़ा मंदिर है.
यह पूरा मंदिर नागर शैली में बना है. इसकी लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है. इसे बनाने में लोहे या स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है. ऐसा इसकी उम्र लंबी रखने के लिए किया गया है.
यह राममंदिर तीन मंजिला है. हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है. मंदिर में कुल 392 खंभे व 46 गेट हैं. इन खंभों व दीवारों में देवी देवता और देवांगनाओं की मूर्तियां बनाई गई हैं.
मंदिर में भूतल पर बने रामलला के गर्भगृह में सोने की परत लगे दरवाजे हैं. भूतल पर मौजूद सभी 14 गेट पर सोने की परत वाले दरवाजे लगाए गए हैं.
मंदिर के गर्भ गृह में लगे सोने के दरवाजे की ऊंचाई करीब 12 फीट है, जबकि इसकी चौड़ाई 8 फीट है. मंदिर में कुल 46 दरवाजों में से 42 पर 100 किलोग्राम सोने की परत चढ़ाई जाएगी.
राम मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल की गई ईंटों पर 'श्री राम' लिखा हुआ है. पूरा मंदिर 2.7 एकड़ में फैला हुआ है. भूतल भगवान राम के जीवन को दर्शाता है, जबकि पहली मंजिल पर भगवान राम के दरबार की भव्यता होगी.
मंदिर के 2000 फीट नीचे गाड़े गए टाइम कैप्सूल में मंदिर, भगवान राम और अयोध्या के बारे में प्रासंगिक जानकारी अंकित की गई है. ऐसा आने वाली पीढ़ियों के लिए मंदिर की पहचान संरक्षित करने के मकसद से किया गया है.