Neiphiu Rio Education: छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे नेफ्यू रियो कितने पढ़े हैं? 5 वीं बार बने हैं नगालैंड के सीएम
11 नवंबर, 1950 को एक अंगामी नागा परिवार में जन्मे नेफ्यू रियो अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोहिमा के बैपटिस्ट इंग्लिश स्कूल से की और फिर पश्चिम बंगाल के सैनिक स्कूल, पुरुलिया में स्टडी के लिए चले गए. इसके बाद उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज, दार्जिलिंग में पढ़ाई की. (फोटो-PTI)
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View In Appइसके बाद वो आर्ट्स कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के लिए कोहिमा वापस आ गए. इसके बाद वो आर्ट्स कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के लिए कोहिमा वापस आ गए. साल 1978 में उन्होंने एनईएचयू के तहत आने वाले कोहिमा कॉलेज कोहिमा नगालैंड से आर्ट्स में स्नातक की डिग्री ली.(फोटो-PTI)
नगालैंड की राजनीति में कद्दावर नेता नेफ्यू रियो के मंगलवार (7 मार्च) को राजधानी कोहिमा में हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल ला गणेशन ने उन्हें शपथ दिलाई. नेफ्यू रियो 5वीं बार इस राज्य के सीएम पद पर काबिज हुए हैं.(फोटो-PTI)
रियो के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा समेत बीजेपी के दिग्गज नेता मौजूद रहे.(फोटो-PTI)
इस 72 साल के नेता ने अपनी इस जीत के साथ अनुभवी नेता एस सी जमीर का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिन्होंने 3 बार पूर्वोत्तर राज्य का नेतृत्व किया था.(फोटो-PTI)
रियो अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में एक सक्रिय छात्र नेता रहे. वो बहुत कम उम्र में राजनीति में दाखिल हो गए थे. उन्होंने 1974 में कोहिमा जिले में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट की युवा शाखा के अध्यक्ष के तौर पर अपने लगभग 5 दशक लंबे राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और बाद में नगालैंड के अध्यक्ष बने.(फोटो-PTI)
रियो ने अब तक 8 बार चुनाव लड़े और 1987 में केवल पहला चुनाव हारे थे. उन्होंने उस वक्त एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस में शामिल होने के बाद रियो के राजनीतिक करियर में 1989 में दो साल बाद उछाल आया. उस पहली अस्थायी जीत के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और रियो ने बाद के चुनावों में जीत हासिल की. उन्होंने 2002 तक जमीर के मंत्रालय में गृह मंत्री होने सहित अपनी काबिलियत के मुताबिक अपने राज्य को अपनी सेवाएं दीं.(फोटो-PTI)
जीत के बाद रियो ने कांग्रेस छोड़ दी और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के मुर्गा प्रतीक को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. रियो जमीर को गद्दी से हटाने में कामयाब रहे और 2003 में पहली बार मुख्यमंत्री बने. हालांकि, जनवरी 2008 में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर उन्हें मुख्यमंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया गया था. अगले चुनाव में दो महीने बाद उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और रियो को एनपीएफ के नेतृत्व वाले डेमोक्रेटिक एलायंस ऑफ नगालैंड के नेता के तौर पर सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया.(फोटो-PTI)
2013 में अगले राज्य चुनाव में, एनपीएफ ने प्रचंड बहुमत हासिल किया और रियो को तीसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में फिर से चुना गया. उन्होंने बीजेपी के संग चुनाव पूर्व समझौते के साथ 2018 राज्य विधान सभा चुनाव लड़ा. गठबंधन ने 30 सीटें जीतीं और18 क्षेत्रीय पार्टी और 12 बीजेपी ने और 2 एनपीपी विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई, राज्य में एनपीएफ के 15 साल के शासन को खत्म किया. (फोटो-PTI)
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