Maha Kumbh 2025 Amrit Snan Photos: 'आस्था, भक्ति और प्रेम', संगम की बाहों में समा गई दुनिया, शाही स्नान की ये 25 तस्वीरें देखनी चाहिए
दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, केरल, आंध्र प्रदेश देशभर से श्रद्धालु कुंभ का स्नान करने के लिए पहुंचे.
महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के दौरान नागा साधुओं का अद्भुत प्रदर्शन हुआ.
त्रिवेणी तट पर नागा साधुओं का अनुशासन और परंपरागत कौशल दिखा.
नागा साधुओं ने अपनी जोशपूर्ण गतिविधियों से श्रद्धालुओं का दिल जीता. मीडिया और आम लोग नागा साधुओं के प्रदर्शन को कैद करते दिखे.
विदेशी भक्तों ने भारत की सनातन संस्कृति को गहराई से समझा
संगम के ठंडे पानी में स्नान करने का अनुभव भक्तों को नई ऊर्जा दे रहा है.
महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं का भी उत्साह देखने को मिला, जिनमें अमेरिका, इज़राइल और फ्रांस जैसे देशों के लोग शामिल हैं.
बता दें कि अलग-अलग समुदायों के लोगों ने मिलकर धर्म और मानवता का उत्सव मनाया.
शोभायात्रा में घोड़े पर सवार नागा साधु आकर्षण का केंद्र बने.
महाकुंभ ने धर्म, संस्कृति और अध्यात्म का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया. त्रिवेणी संगम पर साधना और ध्यान का वातावरण भक्तों को करोड़ों की तादाद में खींच लाया.
इस दौरान संगम के किनारे भक्तों ने धर्म और आस्था का प्रतीक दीपदान किया.
डमरू और त्रिशूल के साथ नागा साधुओं का उत्सवमय प्रदर्शन देखते ही बन रहा था.
अलग- अलग देशों से श्रद्धालु भारतीय परंपराओं के महत्व को समझने के लिए भारत आ रहे है.
महिला श्रद्धालुओं ने भी बड़ी संख्या में संगम स्नान किया. मकर संक्रांति पर संगम का दृश्य अद्वितीय धार्मिक ऊर्जा से भरा रहा.
गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन का अनुभव भक्तों को आनंदित कर रहा है.
महाकुंभ में साधु-संतों की प्रवचन सभाओं ने भक्तों को मार्गदर्शन दिया है.
भक्तों का कहना है कि संगम स्नान ने उन्हें आत्मिक शांति और शुद्धता का अनुभव कराया.
संगम किनारे धार्मिक गीतों और मंत्रों की गूंज ने वातावरण को पवित्र बनाया, इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने एक सा मंत्र का उच्चारण किया.
श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद पवित्र जल का संग्रह भी किया. साथ ही ये जल इतना पवित्र है कि लोग इसका आचमन भी कर रहे हैं.
महाकुंभ ने न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया.
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी महाकुंभ का हिस्सा बन रहे हैं, लोग दूर-दूर से महा कुंभ का आनंद लेने के लिए पहुंच रहे हैं.
जैफ, एक अमेरिकी नागरिक, महाकुंभ की शांति और स्वच्छता से अभिभूत हुए. जैफ ने महाकुंभ में कूड़ेदान की सुव्यवस्था और स्वच्छता की सराहना की.
त्रिवेणी के अद्भुत मिलन ने श्रद्धालुओं को अध्यात्म की गहराई का अहसास कराया.
विशेष व्यवस्थाओं ने भक्तों के लिए महाकुंभ अनुभव को सरल और यादगार बनाया है. महाकुंभ 2025 भारतीय परंपराओं और संस्कृति के उत्सव के रूप में याद रहेगा.