Lakhimpur Kheri Violence: राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस, एयरपोर्ट पर धरना और उसके बाद पीड़ित परिवारों से मुलाकात, तस्वीरों में देखें दिनभर क्या-क्या हुआ
लखीमपुर हिंसा को लेकर विपक्ष हमलावर है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बुधवार को उन पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, जिनके परिजन लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए हैं. इससे पहले, हिरासत से छूटे जाने के बाद प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी के लिए निकल गईं. जबकि, दूसरी तरफ राहुल गांधी लखनऊ एयरपोर्ट पर धरना के बाद अपनी गाड़ी से ही निकल गए. हालांकि, शुरुआत में उन्हें पुलिस गाड़ी में जाने को कहा गया था.
इससे पहले राहुल गांधी बुधवार को दिन में लखनऊ से सीतापुर स्थित पीएसी की दूसरी बटालियन पहुंचे. पार्टी नेता और उनकी बहन प्रियंका गांधी को इसी परिसर में हिरासत में रखा गया था. कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने बताया कि राहुल गांधी लखनऊ हवाई अड्डे से अपने वाहन से लखीमपुर खीरी रवाना हुए. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया, ‘‘राहुल गांधी पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ लखनऊ हवाईअड्डे से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुए.’’ राहुल गांधी चन्नी और बघेल के साथ दिल्ली से लखनऊ पहुंचे थे.
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और तीन अन्य को लखीमपुर जाने की अनुमति दे दी. इससे पहले दिन में, राज्य सरकार ने राहुल गांधी को यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा था कि किसी को भी हिंसा प्रभावित जिले का माहौल खराब करने के लिए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
लखीमपुर खीरी जाने के लिए लखनऊ हवाई अड्डे पर पहुंचे राहुल गांधी अपने वाहन से जाने की इजाजत नहीं दिए जाने के विरोध में हवाई अड्डा परिसर में कुछ देर के लिए धरने पर बैठ गए. राहुल ने धरने के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें अपनी गाड़ी में जाना है तो यह चाहते हैं कि हम इनके साथ उनकी गाड़ी में जाएं. मैं जानना चाहता हूं आप मुझे क्यों नहीं जाने दे रहे. पहले मुझे बोला गया कि आप अपनी गाड़ी में जा सकते हैं अब बोल रहे हैं कि नहीं, आप पुलिस की गाड़ी में जाएंगे. यह कुछ ना कुछ बदमाशी कर रहे हैं.
उन्होंने एक सवाल पर कहा चाहे मुझे जेल में डाल दिया जाए, चाहे प्रियंका को डाल दिया जाए, कोई मतलब नहीं है. सवाल यह है कि छह लोगों को अपराधियों ने कुचल कर मार दिया. जिन लोगों को जेल में होना चाहिए उन्हें जेल में नहीं डाला जा रहा है. हमें मृतक किसानों के परिवारों से मिलने से रोका जा रहा है.’’
इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में पीड़ित परिवारों से मुलाकात के लिए जाने की सशर्त अनुमति दे दी थी.
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया, ‘‘लखीमपुर खीरी जिला प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के दृष्टिकोण से लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया था, मगर अब वहां पर लोगों को पांच-पांच के समूह में जाने की अनुमति दे दी गई है. जो भी व्यक्ति जाना चाहें वहां जा सकते हैं.’’
इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दी. सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने 'पीटीआई' को बताया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के पांच नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दे दी गई है.