मणिपुर में नहीं सुधरे हालात, फ्री मूवमेंट के पहले दिन ही प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों में झड़प
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में आदेश दिया था कि 8 मार्च से मणिपुर में सभी मार्गों पर फ्री मूवमेंट की गारंटी दी जाए. उन्होंने सुरक्षा बलों को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, ताकि शांति बहाली हो सके.
मणिपुर में फिर से हिंसा भड़क उठी,राज्य में फ्री मूवमेंट के पहले ही दिन कांगपोकपी में भीड़ की ओर से एक बस पर हमला किया गया, प्रदर्शनकारियों ने बसों और अन्य वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए सड़कों पर पत्थर बिछा दिए.
सुरक्षा बलों ने भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज किया. घटनास्थल से 114 हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए.
मणिपुर में अलग-अलग अभियानों के तहत 7 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है.इन अभियानों के दौरान संदिग्धों के पास से ₹50,000 नकद बरामद किए गए. सभी गिरफ्तारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है.
मणिपुर में जातीय संघर्ष और हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही. ‘स्वतंत्र आवाजाही’ की पहल के पहले ही दिन एक बस पर हमला होना सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है.
अखिल आदिवासी छात्र संघ (ATSUM) ने 3 मई, 2023 को मैतेई के ST दर्जे के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी.
मणिपुर में जातीय संघर्ष और हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही. ‘स्वतंत्र आवाजाही’ की पहल के पहले ही दिन एक बस पर हमला होना सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है.
3 मई, 2023 से मणिपुर में हिंसा शुरू हुई, जिसमें अब तक सैंकड़ों मौतें और हजारो लोग विस्थापित हुए. अब सवाल ये है कि राज्य में शांति लौटेगी या नहीं?