Chennai Flood: गोद में पालतू जानवर, सुरक्षा बलों के कंधे पर लोग, तस्वीरों में देखें चेन्नई में बाढ़ की तबाही
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में चक्रवात मिचौंग तबाही मचा कर जा चुका है. अब इस तूफान के बाद यहां और उसके आसपास के जिलों में तबाही का मंजर साफ देखा जा सकता है. अभी भी अधिकतर इलाके घुटनों पर पानी में डूबे हुए हैं और शहर के बड़े हिस्से में बिजली गुल है, जिसकी वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त है.
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View In Appकई इलाकों में एहतियातन काटी गई बिजली, स्कूल कॉलेज बंद न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय एजेंसियों के कर्मचारियों ने राहत और पुनर्वास के प्रयास तेज कर दिये हैं. सरकार ने कहा कि कुछ इलाकों में बिजली के तार पर पानी या पेड़ में गिरने के कारण ‘‘एहतियाती उपाय’’ के तौर पर बिजली काटी गयी है. जबकि सामान्य स्थिति बहाल किए जाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
चेन्नई में आज गुरुवार (7 दिसंबर) के लिए स्कूलों तथा कॉलेजों में छुट्टी घोषित की गयी है. चक्रवात के असर से हुई भारी बारिश के कारण वेलच्चेरी और तांबरम सहित कई इलाकों में बाढ़ आ गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक लोगों को जलभराव वाले इलाकों में अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाते देखा गया. अपने बच्चों को लेकर लोगों को सड़कों पर घुटनों तक भरे पानी के बीच से गुजरना पड़ा. लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए और अधिक नौकाएं भेजने सहित अन्य मदद के लिए गुहार लगायी.
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बारिश से प्रभावित कई इलाकों का दौरा किया और शहर के एक राहत केंद्र में आश्रय ले रहे लोगों को भोजन और आवश्यक सामग्री वितरित कीं. उन्होंने शहर के स्थानीय निकाय द्वारा जल निकासी के लिए किये जा रहे प्रयासों का भी जायजा लिया. उन्होंने केंद्र को पत्र लिखकर हालात से निपटने के लिए 5,060 करोड़ रुपये की अंतरिम बाढ़ राहत राशि जारी करने मांग की है.
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कई लोगों ने रिहायशी इलाकों में जलभराव के वीडियो साझा किये और दावा किया कि कई लोग अपने घरों में फंसे हुये हैं. सोशल मीडिया मंच पर ‘हैशटैग’ वेलच्चेरी से संबंधित कई पोस्ट किये गये.
एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने पोस्ट कर इस बात पर अफसोस जताया कि उनके रिश्तेदार पिछले तीन दिन से बिना बिजली, पानी और दूध के अपने घर में बंद हैं. वेलच्चरी और तांबरम सहित कई अन्य प्रभावित इलाकों में लोग दूध की आपूर्ति में देरी की शिकायत कर रहे हैं और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि दूध को अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है. किलपौक और कट्टुपक्कम सहित शहर के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है. इस बीच, दुग्ध व डेयरी विकास मंत्री मानो थंगाराज ने खुदरा कीमत से अधिक कीमत पर दूध बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.
राज्य के मुख्य सचिव शिव दास मीणा ने पत्रकारों को बताया कि शहर के कई हिस्सों में जल निकासी की जा रही है. जहां पानी निकाला गया है वहां सड़कों को साफ किया जा रहा है जबकि पेयजल की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है. उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कर्मी राहत एवं पुनर्वास गतिविधियों में शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जलभराव वाले इलाकों में भोजन के पैकेट, ब्रेड और दूध की आपूर्ति की जा रही है जबकि पेरुम्बक्कम और वरदराजपुरम में अत्यधिक प्रभावित इलाकों में नौकाओं को तैनात किया गया है और वरिष्ठ अधिकारी राहत प्रयासों पर नजर रख रहे हैं.’’
विभिन्न इलाकों में 200 से अधिक नौकाओं को काम में लगाया गया है. उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में बिजली केबल पानी में डूब गए हैं, वहां बिजली काटी गई है, ताकि दुर्घटना ना हो. हालात सामान्य होते ही बिजली सेवा पुनर्बहाल हो जाएगी.
मीणा ने कहा कि विभिन्न जिलों में 372 राहत केंद्रों में करीब 41,400 लोग रह रहे हैं और उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. बहुत ज्यादा प्रभावित चार जिलों चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपेट में 800 से अधिक इलाके जलमग्न हैं और करीब 19,000 लोगों को वहां से निकालकर राहत शिविरों में ले जाया गया है. मीणा ने बताया कि उत्तर और दक्षिण चेन्नई में कुछ इलाकों में विमान के जरिए भोजन के पैकेट गिराए गए हैं.
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