Chandrayaan 3 Landing: भारत के चंद्रयान-3 मिशन में ISRO के इन साइंटिस्ट्स का है अहम योगदान, देखें तस्वीरें
चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने का भारत का दूसरा प्रयास है. उलटी गिनती शुरू होने से पहले, इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ और कई प्रमुख वैज्ञानिकों ने मिशन की सफलता के लिए चंद्रयान -3 के मॉडल के साथ तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर का दौरा किया और प्रार्थना की. चंद्रयान 3 में कई वैज्ञानिकों ने काम किया है.
एस सोमनाथ (S Somanath): इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ भारत के महत्वाकांक्षी मून मिशन के मास्टरमाइंड में से एक हैं. उनके कार्यभार संभालने के बाद से चंद्रयान-3, आदित्य-एल1 (सूर्य मिशन) और गगनयान जैसे महत्वपूर्ण मिशनों को गति मिली है.
पी वीरमुथुवेल (P Veeramuthuvel), परियोजना निदेशक, चंद्रयान-3 : पी वीरमुथुवेल ने 2019 में चंद्रयान -3 प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला. उन्होंने वर्तमान इसरो मुख्यालय में स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम कार्यालय में उप निदेशक के रूप में कार्य किया. वीरमुथुवेल ने चंद्रयान -2 मिशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
एस उन्नीकृष्णन नायर( S Unnikrishnan Nair), निदेशक, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) : एस उन्नीकृष्णन नायर VSSC के प्रमुख और LVM3 रॉकेट के निर्माता हैं. वह और उनकी टीम मिशन के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं के लिए जिम्मेदार है.
एम शंकरन (M Sankaran), निदेशक यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी): एम शंकरन यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) में निदेशक हैं. यह केंद्र इसरो के लिए भारत के सभी उपग्रहों के निर्माण कराता है. वर्तमान में शंकरन उस टीम का मार्गदर्शन कर रहे हैं जो देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपग्रह बनाती है.
ए राजराजन (A Rajarajan), अध्यक्ष, लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड (एलएबी): ए राजराजन, एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं और वर्तमान में भारत के प्रमुख स्पेसपोर्ट, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर(एसडीएससी एसएचएआर) के निदेशक हैं. राजराजन कंपोजिट के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं.
अन्य प्रमुख अधिकारियों में मिशन निदेशक मोहन कुमार के नेतृत्व वाली एक टीम शामिल है.