Bhaskargad Fort: अंधेरी गुफा में छिपा 'सुनहरा खजाना', चमक इतनी कि रात में कर दे उजाला, जानें क्या छिपा रहस्य
भास्करगढ़ किला वीरान जगह पर मौजूद है, लेकिन इसमें कुछ ऐसा होने का दावा किया जाता है, जिसे उस वक्त हर राजा जीतना चाहता था.
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View In Appकहा जाता है कि इस किले में कोई खजाना या सोना-चांदी नहीं, बल्कि एक ऐसी चीज है जिसके मिलते ही उसे रखने वाला अमीर बन जाएगा.
कहते हैं कभी यहां किला होता था, लेकिन उस खजाने की तलाश में हमलावर सेनाओं ने पूरा किला तबाह कर दिया. इसकी छत और दीवार उजाड़ दी.
आसपास के गांव में रहने वाले लोग बताते हैं कि इस किले को लेकर एक कहानी है जो बच्चे-बच्चे को पता है और यह कोई काल्पनिक नहीं, बल्कि हकीकत है.
लोगों ने बताया कि इस पहाड़ पर यादवों का राज था. यहीं पर इनका किला था. यादव का राज बहुत अच्छे से चल रहा था. इससे खुश होकर उनकी कुलदेवी ने उन्हें पारस मनी जैसा पेड़ दिया.
इस पेड़ को परीस पेड़ कहा जाता है. लोगों ने बताया कि यह पेड़ ऐसा था, जिसे अगर किसी चीज में लगा दिया जाए तो वह सोना बन जाता था.
लोगों ने बताया कि किले के पास के गांव के कुछ लोग रात को कंद-मूल खोजने के लिए गए थे. वह अपने साथ खुदाई के लिए कुछ सामान लेकर गए थे, लेकिन घर आकर देखा तो वह सोना बन चुका था.
लोग कहते हैं कि जो उस पेड़ को तलाश करने की चाहत में गया वह कभी लौटकर वापस नहीं आया. यह बात वहां के कई लोगों ने बताई.
आसपास के लोगों की मानें तो यादव राजाओं ने उस स्वर्ण पेड़ को एक गुफा में छिपा दिया था. ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि इसे हासिल करने के लिए कई राजा हमले की तैयारी में थे.
उस सुरंग दरवाजे की तलाश में दुश्मन राजाओं ने पूरा किला तबाह कर दिया, लेकिन कुछ मिला नहीं. उन्हें इस गेट का पता ही नहीं चल सका.
कई लोगों ने बताया कि वहां मौजूद पेड़ रात में सोने की तरह ही चमकता है. हालांकि इसे देखने वाले कई लोगों की मौत हो चुकी है.
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