Rameshwaram Cafe: 15 वर्ग फुट में कैफे, कमाई 50 करोड़, दिलचस्प है रामेश्वरम कैफे के शुरू होने की कहानी
जिस रामेश्वरम कैफे में विस्फोट हुआ है, वह इस घटना से पहले भी कफी सुर्खियों में रहा है. इसकी गिनती बेंगलुरू के बेस्ट कैफे में होती है. कैफे के बाहर ग्राहकों की लाइन लगी रहती है.
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View In Appकैफे ने इस घटना के बाद एक बयान जारी करते हुए इस विस्फोट पर दुख जताया और जांच में पुलिस को पूरा सहयोग करने की भी बात कही. आइए जानते हैं इस कैफे और कैफे के मालिक से जुड़ी कुछ खास जानकारी.
स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय व्यंजनों के लिए मशहूर रामेश्वरम कैफे की शुरुआत राघवेंद्र राव और दिव्या राव ने 2021 में की थी. इसे शुरू करने का सारा प्लान लॉकडाउन के दौरान तैयार किया गया था.
राघवेंद्र राव एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं जिनके पास फूड इंडस्ट्री में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है. वह आईडीसी किचन के संस्थापक और प्रमोटर हैं.
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, दिव्या के पास 12 साल से अधिक का वर्क एक्सपीरियंस है. वह आईसीएआई की दक्षिण भारतीय क्षेत्रीय परिषद की बेंगलुरु शाखा की प्रबंध समिति की सदस्य भी हैं.
सीए करने के बाद दिव्या आगे की स्टडी के लिए IIM अहमदाबाद गईं. वहां वह मैनेजमेंट और फाइनेंस की पढ़ाई के साथ फूड बिजनेस पर केस स्टडी कर रही थीं. उन्हें दुनिया भर में उभर रहे विदेशी फूड ब्रांडों (स्टारबक्स, केएफसी, मैकडॉनल्ड्स) का अध्ययन करना था.
एक क्लास के दौरान एक प्रोफेसर ने कहा कि भारतीय बेकार हैं. इनका कोई ब्रांड नहीं है. इससे दिव्या भड़क गईं. इसके बाद उन्होंने साउथ इंडियन फूड को ग्लोबल लेवल तक पहुंचाने का फैसला किया और राघवेंद्र राव से हाथ मिलाकर 2021 में 'द रामेश्वरम कैफे' की शुरुआत कर दी.
बी2बी स्टार्टअप उड़ान के सह-संस्थापक सुजीत कुमार ने जीरोधा के सीईओ निखिल कामथ के साथ एक पॉडकास्ट में रामेश्वरम कैफे की कमाई का खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि यह कैफे महीने के 4.5 करोड़ रुपये कमाता है.
रामेश्व रम कैफे एक दिन में 7,500 बिल काटता है. एक दुकान मुश्किल से 10 गुणा 10 या 15 वर्ग फुट की है, लेकिन यह कैफे साल में लगभग 50 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहा है. इसमें करीब 70 प्रतिशत ग्रॉस मार्जिन है.
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