बजरंग पूनिया को पुलिस ने रोका तो कर्तव्य पथ पर छोड़ा पद्म श्री पुरस्कार, देखें तस्वीरें
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने शुक्रवार (22 दिसंबर) को बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में पद्म श्री पुरस्कार लौटाने का फैसला किया.
टोकियो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री को लौटा रहा हूं. उन्होंने पीएम मोदी को लिखा पत्र भी साझा किया, जिसमें उन्होंने बृजभूषण सिंह को लेकर कई बातें कही. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने बजरंग पूनिया को कर्तव्य पथ पर रोक दिया जिसके बाद उन्होंने वहां पद्म श्री पुरस्कार छोड़ दिया.
उन्होंने पत्र में लिखा, इस साल जनवरी में सरकार ने ठोस कार्रवाई की बात कही थी, जिसके बाद पहलवान घर लौट गए थे, लेकिन तीन महीने बाद भी बृजभूषण सिंह पर एफआईआर तक नहीं हुई. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया, जनवरी में शिकायतकर्ता महिलाओं की संख्या 19 थी जो अप्रैल 2023 में 7 रह गई. बृजभूषण सिंह ने अपनी ताकत के दम पर 12 महिला पहलवानों को न्याय की लड़ाई से पीछे हटा दिया.
पूनिया ने अपने पत्र में लिखा, हमारे प्रदर्शन स्थल को तहस नहस कर दिया गया और हमें दिल्ली से बाहर खदेड़ दिया गया. इस मामले को लेकर गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई. उन्होंने महिला पहवानों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. हमने उनकी बात मानकर सड़कों से अपना आंदोलन समाप्त कर दिया, लेकिन 21 दिसंबर को अब बृजभूषण सिंह कुश्ती संघ के चुनाव में दोबारा काबिज हो गया है.
गुरुवार (21 दिसंबर) को बृजभूषण के करीबी के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनने के बाद साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने फ्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान 2016 रियो ओलंपिक की कांस्य विजेता साक्षी मलिक ने भी रोते हुए कुश्ती को अलविदा कहा था.