बिस्तर पर जाते ही दिखें ये लक्षण तो खतरे में दिल-जिगर और गुर्दा, तुरंत करें डॉक्टर को कॉल
डॉक्टरों का कहना है कि लोग अक्सर रात के वक्त नजर आने वाले इन सिग्नल्स को इग्नोर कर देते हैं, लेकिन ये हार्ट फेल्योर के अर्ली रेड फ्लैग्स हो सकते हैं. दरअसल, खून की धमनियों के ब्लॉक होने, क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD)र लिवर में खराबी की वजह से भी ये दिक्कतें हो सकती हैं.
रात के वक्त पेशाब जाने के लिए बार-बार नींद टूटती है तो इसे नोक्टुरिया कहा जाता है. यह कोई नॉर्मल दिक्कत नहीं, बल्कि हार्ट फेल्योर या किडनी डिजीज का अर्ली सिग्नल हो सकता है.
अपोलो अस्पताल में सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विक्रम बी. कोल्हारी का कहना है कि दिन के वक्त अगर हार्ट फेल्योर होता है तो हमारी बॉडी खासकर पैरों में फ्लूड को होल्ड करती है. रात में बिस्तर पर लेटते वक्त फ्लूड खून में मिल जाता है, जिसे किडनी फिल्टर करती है और बार-बार पेशाब जाना पड़ता है.
अगर मरीज को किडनी से संबंधित दिक्कत है तो उस दौरान किडनी अपनी फिल्ट्रेशन की क्षमता खो देती है, जिसकी वजह से दिन और रात दोनों वक्त पेशाब ज्यादा आता है. हालांकि, रात के वक्त दिक्कत ज्यादा बढ़ जाती है.
अगर रात के वक्त ज्यादा पेशाब आ रहा है और पैरों में सूजन भी है. इसके अलावा थकान और सांस लेने में तकलीफ भी महसूस हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
रात में सांस लेने में दिक्कत होने का मतलब है कि लंग्स में फ्लूड जमा होने की वजह से आपका दिल सही से ब्लड को पंप नहीं कर पा रहा है.
अगर रात में पसीना ज्यादा आ रहा है तो इसका मतलब है कि आपके हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है. यह खून की धमनियों में ब्लॉकेज का लक्षण है. इस दौरान सीने में दर्द, ज्यादा दबाव और कसावट आदि महसूस होती है तो हार्ट प्रॉब्लम या हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो सकती है.