शरीर को इन 6 तरीकों से प्रभावित करता है मेनोपॉज
हड्डियों पर भी असर पड़ता है. शरीर में मौजूद एस्ट्रोजन हार्मोन बोन डेंसिटी को नुकसान कर सकता है. इस कारण महिलाओं को ओस्टियोपोरोसिस का खतरा हो जाता है.
मेनोपॉज मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है. इसके चलते चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव, अवसाद और चिंता का खतरा हो सकता है
मेनोपॉज के दौरान वजाइनल और यूरिनरी बदलाव भी होना आम बात है. जैसे वजाइनल ड्राइनेस, वजाइनल वॉल पतली होना, योनि में नमी कम होना शमील है. यूरिनरी ट्रैक्ट में बदलाव के कारण यूटीआई भी हो सकता है.
मेनोपॉज के दौरान अक्सर शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं. जैसे हर वक्त बेचैन रहना, नींद की समस्या हो जाती है. इस वजह से रोजमर्रा के कार्य बाधित हो जाते हैं.
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी हो जाती है, जिस वजह से हार्ट हेल्थ को भी नुकसान हो सकता है.कोलेस्ट्रॉल लेवल में बदलाव आ सकता है.
मेनोपॉज होने पर हार्मोन का स्तर कम होने लगता है. हार्मोनल बदलाव के कारण हॉट फ्लैशेस, पसीना आना, अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याएं हो सकती है.