दुनिया से 10 साल पहले बीपी के मरीज क्यों बन रहे भारतीय, गड़बड़ लाइफस्टाइल इसकी वजह या जागरुकता?
दिल्ली में 30 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो हाइपरटेंशन और बीपी के मरीज हैं. सबसे हैरानी की बात यह है कि दिल्ली में रहने वाले 92 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें पता ही नहीं है कि उन्हें बीपी की बीमारी है. वहीं 8 प्रतिशत को ही वक्त पर इलाज मिल पाता है.
हाई बीपी की बीमारी का सबसे ज्यादा असर हार्ट, किडनी, आंख पर होता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक खराब लाइफस्टाइल के कारण अक्सर यह बीमारी होती है.
इस बीमारी को लेकर मरीजों को जागरूक रहने की जरूरत है. भारत में यह बीमारी एक दशक पहले हो जाती है. यानि यह बीमारी दूसरे देशों में जिस उम्र में होती है उनकी तुलना में भारत में 10 साल पहले की उम्र वालों में यह बीमारी हो जाती है.
भारत में 35-45 साल की उम्र वाले लोगों को यह बीमारी काफी ज्यादा हो रही है. देश की युवा आबादी आजकल बीपी के मरीज का शिकार हो रहे हैं.
हाई बीपी के लक्षणों को पहचानना है तो अगर आपकी उम्र 35 से ज्यादा है की है. इसके साथ ही आपको हल्का सिरदर्द, बीपी अप-डाउन होना, तो इसका साफ अर्थ है कि आप हाई बीपी के शिकार हो गए हैं. और आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.