Holi 2024: होली में केमिकल वाले रंग-गुलाल फेफड़ों में बढ़ा सकते हैं इंफेक्शन, अस्थमा के मरीज इस तरह रखें ख्याल
Holi 2024: होली का त्योहार खुशियों और गुलाल का त्योहार है लेकिन अस्थमा के मरीजों को कुछ खास बातों का ख्याल रखन चाहिए. खासकर जिन लोगों को सांस की बीमारी की समस्या है जैसे- अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या फिर फेफड़ों की बीमारी है उन्हें खासकर इस त्योहार में एलर्ट रहना चाहिए.
जिन लोगों को सांस से जुड़ी दिक्कत या बीमारी है उन्हें केमिकल वाले कलर्स और गुलाल के कारण सांस लेने में परेशानी या दिक्कत हो सकती है.
सांस फूलने की समस्या भी हो सकती है. कई बार गुलाल और कलर्स के कारण कई लोगों को त्वचा पर एलर्जी, लाल दाने की शिकायत होती है.
अस्थमा बेहद गंभीर बीमारी है जो फेफड़ों और सांस लेने वाली नली में घातक इंफेक्शन के कारण होती है. इस बीमारी में सांस लेने की नली में सिकुड़न और सूजन दोनों होने लगता है. जिसके कारण सांस लेने में कठिनाई, खांसी और सीने में दर्द की समस्या होने लगती है.
एक रिसर्च के मुताबिक कलर्स और गुलाल के कारण पाउडर के छोटे से कण जो होते हैं वह फेफड़ों में चले जाते हैं. जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है. इसके कारण गंभीर सांस की बीमारी शुरू हो सकती है. यही कारण है कि जिन लोगों को सांस से जुड़ी दिक्कत है या अस्थमा की बीमारी है वह फूल वाली होली खेले. कलर्स या गुलाल वह काफी ज्यादा मात्रा में खेलने से बचे.