भारत में गंभीर समस्या बन रहा मोटापा, अगले 25 साल में तेजी से बढ़ेगा यह खतरा
मोटापा दुनिया के लिए एक एपिडेमिक मतलब महामारी बन गया है. ऐसा हमारा नहीं बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मानना है. पिछले कुछ सालों में मोटापा सबसे तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक है. यही कारण है कि इस बीमारी ने भारत समेत दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ा दी है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्ष 1990 में भारत की सिर्फ 12 पर्सेंट महिलाएं और 8 पर्सेंट पुरुष मोटापे का शिकार थे और इनमें भी 15 से 24 वर्ष के युवाओं की संख्या सिर्फ 73 लाख थी. लेकिन वर्ष 2021 में इस आयु वर्ग के 2 करोड़ 98 लाख युवा मोटापे का शिकार हो गए और आज 2025 में भारत के 10 करोड़ से ज्यादा लोग Overweight हैं और मोटापे ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया है.
WHO के मुताबिक, दुनिया में हर 8वां इंसान मोटापे की चपेट में है. यह कार्डियोवस्कुलर डिजीज और कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है. इसकी वजह से नॉन कम्युनिकेबल बीमारियां बढ़ सकती हैं. दिल की बीमारी और फेफड़े के इन्फेक्शन का खतरा भी रहता है.
मोटापे से किन बीमारियों का खतरा :कैंसर, टाइप-2 डायबिटीज, हार्ट रिलेटेड डिजीज, स्ट्रोक, हड्डियों की समस्या, फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है
'द लैंसेट' में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, 2022 में 15.9 करोड़ बच्चे-किशोर और 87.9 करोड़ वयस्क मोटापे का शिकार थे. WHO की मदद से किए गए इस अध्ययन में 190 से ज्यादा देशों में 1,500 से ज्यादा शोधकर्ताओं ने पांच साल या उससे ज्यादा उम्र के 22 करोड़ से अधिक लोगों के वजन और हाईट का एनालिसिस किया.
एक अनुमान के मुताबिक अगले 25 वर्षों में भारत की आबादी 167 करोड़ हो जाएगी, जिनमें से 55 करोड़ लोग मोटापे का शिकार होंगे और जिन्हें हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होगा. Advertisement