पीरियड्स के ब्लड फ्लो से भी लगा सकते हैं कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का पता, ये है तरीका
पीरियड्स के दौरान 30 से 80 मिलीलीटर के बीच ब्लीडिंग नॉर्मल होती है और अगर 80 मिलीलीटर से ज्यादा ब्लीडिंग होती है, तो उसे हैवी ब्लीडिंग माना जाता है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, नॉर्मल पीरियड्स ब्लीडिंग हर महीने लगभग 30 से 60 मिलीलीटर होती है, लेकिन हैवी ब्लीडिंग 80 मिलीलीटर से ज्यादा को ही माना जाता है.
महिलाओं के पीरियड ब्लीडिंग की मात्रा हर महिला के लिए अलग हो सकती है. सामान्य तौर पर पीरियड्स के दौरान महिलाओं को 2 से 7 दिनों तक ब्लीडिंग होती है. जिसमें 30 मिलीलीटर नॉर्मल ब्लीडिंग होती है, 80 मिलीलीटर हैवी ब्लीडिंग और 120 मिलीलटर सबसे हैवी ब्लीडिंग होती है, जो कैंसर और गंभीर बीमारियों गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है.
पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग होने का सबसे पहला संकेत सर्विक्स कैंसर हो सकता है. इस कैंसर के शुरुआती स्टेज में पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है. इसके अलावा पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग फाइब्रॉयड (गांठ) का संकेत भी हो सकता है. ये यूट्रस में होने वाली नॉन-कैंसर वाली गांठें होती हैं. इसके कारण पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग और पीरियड लंबे समय तक हो सकते हैं. इससे पेट में दर्द, पीठ में दर्द और बार-बार यूरिन आ सकता है.
अगर आपकी उम्र 40 के आसपास है और पीरियड्स में बदलाव आ रहा है, तो आप प्रीमेनोपॉज में हो सकती हैं. इस समय हार्मोन में बदलाव होते हैं, जिससे पीरियड्स अनियमित या ज्यादा हो सकते हैं और साथ ही पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग हाइपोथायरायडिज्म, एंडोमेट्रियोसिस और फटे हुए सिस्ट (गांठ) का संकेत हो सकता है.
पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि हार्मोनल असंतुलन, फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस. इसके अलावा पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग की वजह से आयरन की कमी, प्रेगनेंसी में कठिनाई, सांस लेने में तकलीफ, और गंभीर दर्द हो सकता है.
वहीं अगर आपको पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग हो रही है या नहीं जानना चाहते हैं तो हर 1-2 घंटे में पैड या टैम्पोन जरूर बदलें. जिसमें अगर आपको पीरियड कप को बार-बार खाली करना पड़ता है तो यह हैवी ब्लीडिंग का संकेत हो सकता है. वहीं अगर अचानक पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होने लगे तो यह किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है.