Winter Health Tips: ठंड में अंदर से गर्म रखते हैं ये 6 देसी विंटर ड्रिंक्स, स्वाद के साथ सेहत का भी रखते हैं ख्याल
कश्मीरी कहवा एक खुशबूदार ग्रीन टी है, जिसे केसर, इलायची, दालचीनी, बादाम और ड्राई फ्रूट्स के साथ उबाला जाता है. इसका मसालेदार फ्लेवर पाचन को बेहतर बनाता है और सर्दी-जुकाम से लड़ने में मदद करता है. पारंपरिक ग्रीन टी मेटाबॉलिज्म सुधारने और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी सहायक मानी जाती है. इसे आमतौर पर खाने के बाद पीना फायदेमंद माना जाता है.
बाजरे का राब एक पौष्टिक ड्रिंक है, जिसे बाजरे के आटे, घी, गुड़, दही, अदरक और अजवाइन के साथ पकाया जाता है. यह गाढ़ा और मिट्टी की खुशबू वाला पेय रेगिस्तानी सर्दियों में शरीर को ऊर्जा देता है. यह पाचन के लिए अच्छा होता है और शरीर को लंबे समय तक गर्म रखता है. इसमें जीरा, अजवाइन, अदरक, गुड़ और नमक मिलाकर स्वाद बढ़ाया जाता है.
दक्षिण भारत में रसम की कई किस्में मिलती हैं, जिनमें मिलगु रसम खास तौर पर सर्दियों में पसंद की जाती है. यह काली मिर्च, इमली, टमाटर, हल्दी और करी पत्ते से तैयार की जाती है. गरमागरम मिलगु रसम साइनस खोलने, गले की खराश कम करने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करती है.
भुने चने के आटे से बना सत्तू शरबत गर्म और ठंडे दोनों रूपों में पिया जाता है. सर्दियों में यह शरीर को अंदर से गर्म रखता है. इसे नमकीन या मीठा दोनों तरह से बनाया जा सकता है. नमकीन वर्जन में काला नमक, नींबू, पुदीना और जीरा मिलाया जाता है, जबकि मीठे में गुड़, इलायची और घी डाला जाता है. यह प्रोटीन से भरपूर ड्रिंक ऊर्जा बनाए रखता है.
पंजाब की ठंडी शामों में गुड़ की चाय एक सुकून देने वाला पेय है. इसमें अदरक, इलायची, दालचीनी और काली मिर्च डाली जाती है. यह मसाला चाय का हेल्दी विकल्प मानी जाती है और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है. सफेद चीनी की जगह गुड़ इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर में गर्मी पैदा करता है.
नोलेन गुर सिर्फ सर्दियों में मिलता है और यह खजूर के पेड़ के रस से बना गुड़ होता है. इससे बनी चाय में प्राकृतिक कैरामेल जैसी मिठास होती है. यह बंगाल की विंटर ड्रिंक है, जो ठंडी और कोहरे वाली सुबहों में शरीर को गर्म रखने के साथ इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है.