कब होती है कोल्ड वेब, क्या इसकी चपेट में आने से हो सकती है मौत?
कोल्ड वेब भारत के कई इलाकों में जन जीवन अस्त व्यस्त किए हुए है. मौसम विभाग ने उत्तर भारत के कई हिस्सों में रेड अलर्ट जारी किया हुआ है. रेड अलर्ट का मतलब खतरा होता है तो समझ लिजिए शीत लहर कितनी खतरनाक होती है.
अब सवाल ये खड़ा होता है कि शीतलहर की स्थिति मानी कब जाती है. तो इसका जवाब है कि जब ठंडी हवाएं तेज चलने लगती हैं और उसकी वजह से तापमान में ना केवल तेज गिरावट दर्ज की जाती है जिसके चलते ठंड बहुत तेजी से बढ़ने लगती है तो उस स्थिति को शीतलहर कहा जाता है.
वहीं दिन का तापमान 02 डिग्री या इससे नीचे चला जाए और जब ठंड के मौसम में न्यूनतम सामान्य तापमान 10 डिग्री से 06-07 डिग्री तक नीचे चला जाए तो ये स्थिति जबदस्त शीत लहर कहलाती है इसे सीवियर कोल्ड वेव भी कहा जाता है.
आमतौर पर ये स्थिति बहुत खतरनाक मानी जाती है. ठंड के मौसम में न्यूनतम तापमान जब 10 डिग्री सेल्सियस से 4-5 डिग्री नीचे चला जाता है या 04 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच जाता है तो इस स्थिति को शीललहर का प्रकोप कहा जाता है.
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या शीतलहर से किसी व्यक्ति की जान भी जा सकती है? तो इसका जवाब है हां. दरअसल खतरनाक शीतलहर चलने से और किसी व्यक्ति के लगातार उसके संपर्क में रहने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता जवाब दे जाती है जिससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.