Most Cruel Punishment Of History: शरीर को बीच से काटने से लेकर जिंदा भूनने तक, ये हैं इतिहास की सबसे दर्दनाक सजाएं
सबसे पहली और खतरनाक सजाओं में से एक है बीचों बीच से काट देने की सजा. ये तरीका एक वक्त पर इंग्लैंड में इस्तेमाल होता था. इसमें आदमी को घसीटते हुए सजा स्थल तक लेकर जाते हैं और फिर उसे बीचोबीच से काट देते थे.
दूसरी खतरनाक सजा में से एक है जिंदा भून देने की सजा. 1937 में जापानी सैनिकों को ये सजा मिलती थी. इतिहास में इस सजा से संबंधित कई उदाहरण देखने को मिलते हैं.
अगली सजा का नाम है ब्रैजन बुल. इस सजा के तरीके का इजाद ग्रीस में किया गया था. इसमें एक खोखले पीतल के बैल की आकृति बनाई जाती थी. उसके अंदर सजा पाए गए इंसान को डालकर बाहर की ओर से बैल के चारों ओर आग लगा दी जाती थी. इस बैल को तब तक गर्म किया जाता था, जब तक इसके अंदर पड़ा इंसान भुनकर मर न जाए.
रोमन साम्राज्य में सूली पर लटकाए जाने की सजा मशहूर है. इसमें हाथों और पांव पर कील ठोककर लकड़ी में बांधकर टांग दिया जाता था. ईसा मसीह को भी यही सजा मिली थी.
आपने अक्सर लोगों को मुंह से सुना होगा कि चमड़ी उधेड़ दूंगा. ये सिर्फ एक कहावत नहीं है, बल्कि पुराने जमाने में ऐसी सजा दी जाती थी. इस सजा के तौर पर जिंदा इंसान की चमड़ी उधेड़ दी जाती थी. इससे लोगों की मौत हो जाती थी.
प्राचीन काल में मारने के लिए चूहे का भी इस्तेमाल होता था. इस दौरान पहले चूहों को पिंजरे में बंद कर दिया जाता था, फिर उस पिंजरे को इंसान पर छोड़ दिया जाता था. चूहा आरोपी के मांस खाना शुरू कर देता था और धीरे-धीरे उसकी मौत हो जाती थी.
पहले के जमाने में शरीर के आर-पार लाठी या भाला कर दिया जाता था. इससे भी आरोपी की मौत हो जाती थी. ये सजा खासतौर से राजद्रोह के दोषियों को दी जाती थी.