Petrol Diesel Expiry Date: क्या पेट्रोल और डीजल की भी होती है एक्सपायरी, जानें कब तक कर सकते हैं स्टोर
पेट्रोल काफी ज्यादा वोलेटाइल होता है. इसका मतलब है कि यह जल्दी से इवेपोरेट और ऑक्सीडाइज्ड हो जाता है. एक कसकर बंद कंटेनर में भी रेगुलर पेट्रोल सिर्फ तीन से 6 महीने तक चलता है. हवा के संपर्क में आने पर इसमें हल्के हल्के कंपोनेंट इवेपोरेट होने लगते हैं.
आधुनिक फ्यूल में अक्सर इथेनॉल होता है जो स्टोरेज लाइफ को कम कर देता है. इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल पानी सोखने और फेज सेपरेशन की वजह से दो से 3 महीने के अंदर खराब होना शुरू हो सकता है.
भले ही पेट्रोल गाड़ी के फ्यूल टैंक के अंदर हो, लेकिन यह हमेशा ताजा नहीं रहता. जब भी कोई गाड़ी बिना इस्तेमाल के खड़ी रहती है तो पेट्रोल 1 महीने के अंदर खराब होना शुरू हो जाता है और 6 से 8 महीने के बाद इससे गाड़ी स्टार्ट होने में दिक्कत भी होती है. इसी के साथ इंजेक्टर को नुकसान भी हो सकता है.
डीजल केमीकली पेट्रोल से ज्यादा स्टेबल होता है इस वजह से इसकी शेल्फ लाइफ ज्यादा होती है. डीजल 6 महीने से 1 साल तक इस्तेमाल करने लायक रहता है. लेकिन नमी की वजह से डीजल में माइक्रोबियल ग्रोथ होने का खतरा रहता है. यह एक तरह का बैक्टीरिया और फंगस होती है.
हवा, सूरज की रोशनी, गर्मी और नमी से दूर रखा गया फ्यूल काफी ज्यादा समय तक चलता है. ठंडी और अंधेरी जगह पर रखें और टाइट मेटल कंटेनर ऑक्सीडेशन और इवेपोरेशन को धीमा करते हैं.
पुराने फ्यूल का रंग अक्सर बदल जाता है उसमें खट्टी या फिर वार्निश जैसी गंध आने लगती है. खराब पेट्रोल या फिर डीजल का इस्तेमाल करने से इंजन में मिसफायर हो सकता है और इंजेक्टर को जाम करने के साथ-साथ फ्यूल पंप भी खराब हो सकता है.