जीत के बाद क्या तुरंत बीजेपी में शामिल हो सकते हैं AAP के विधायक, जानें क्या कहता है कानून?
पिछले चुनावों की बात की जाए तो आम आदमी पार्टी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया था और 62 सीटें हासिल की थी. तो वहीं भाजपा को सिर्फ 8 सीटें मिली थी. लेकिन इस बार मामला बिल्कुल ही उलट हो गया है. खुद अरविंद केजरीवाल भी अपनी सीट नहीं बचा सके.
बता दें दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले ही दिल्ली के कई सिटिंग विधायकों की टिकट आम आदमी पार्टी ने काट दिए थे. जिससे नाराज होकर उन विधायकों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
अब कई लोगों के मन में यहां सवाल आ रहा है कि जब आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं बन रही. तो क्या ऐसे में आम आदमी पार्टी के विधायक सत्ता धारण करने जा रही भारतीय जनता पार्टी को ज्वाॅइन कर सकते हैं. क्या इसके लिए कोई नियम हैं?
तो आपको बता दें चुनाव जीत कर आया किसी भी पार्टी का कोई विधायक. अपने मन मुताबिक चुनाव जीतने के बाद अपना दल यानी पार्टी चेंज नहीं कर सकता. ऐसा करना दल बदल कानून के तहत आएगा. जिससे उनकी विधायकी चली जाएगी.
अब आप सोच रहे होंगे दल बदल कानून क्या है. और इससे विधायक की कैसे चली जाएगी. तो आपको बता दें भारतीय संविधान में 52 व संशोधन के तहत एंटी-डिफेक्शन लाॅ यानी दल बदल कानून काम करता है. यह ऐसे विधायकों और सांसदों को दंडित करता है जो एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में जाते हैं.
अगर आम आदमी पार्टी की टिकट पर जीता हुआ कोई विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में जाना चाहता है. तो दल बदल कानून के तहत उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. यानी भाजपा में जाने के बाद उसे दोबारा चुनाव लड़ना पड़ेगा. यानी पार्टी बदलते ही विधायकी चली जाएगी.