सर्जरी से Mouni Roy ने कर लिया जरबदस्त ट्रांसफॉर्मेशन, तस्वीरें देख पहचान भी नहीं पाएंगे
अभिनेत्री मौनी रॉय ने टेलीविजन से लेकर बॉलीवुड तक हर जगह अपना सिक्का जमा लिया है. मौनी की खूबसूरती से लेकर अदाओं और फीगर के फैंस दीवाने हैं. हालांकि मौनी हमेशा से ऐसी नहीं थी बल्कि उन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर खुद के ऐसा बनाया है. आगे की स्लाइड्स में हम आपको दिखाने जा रहे हैं कि मौनी के जबरदस्त ट्रॉन्सफॉर्मेशन की कुछ तस्वीरें.
फिल्म 'भारत' के प्रिमियर में दिखीं मौनी रॉय को तो सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी प्लास्टिक सर्जरी के लिए काफी ट्रोल भी किया था. सिर्फ चेहरा ही नहीं मौनी रॉय ने अपने शरीर को भी काफी चेंज किया है. मौनी रॉय ने फिटनेस पर ध्यान दिया है और वो काफी ज्यादा बदल गई हैं.
मौनी रॉय के लुक में कई नए बदलाव आए हैं. उनकी आईब्रो से लेकर उनके होठों के साइज तक काफी कुछ बदला है.
मौनी रॉय ने ट्रांस्फॉर्मेंशन को देखें तो साफ है कि उन्होंने वर्क आउट, डाइट और सर्जरी की मदद से अपना पूरा लुक और बॉडी स्ट्रक्चर ही बदल लिया है.
हालांकि, उन्होंने अपना कोर्स बीच में ही छोड़कर मुंबई आने की सोची और बस फिर कभी पलट कर नहीं देखा.
कॉलेज के दिनों में मौनी एक शानदार डांसर हुआ करती थी. इतना ही नहीं दिल्ली में पढ़ते समय मौनी रॉय एक बेहतरीन कोरियो ग्राफर भी बन गई थीं.
मौनी रॉय ने 12वीं तक की पढ़ाई बंगाल से ही की थी जिसके बाद वो ग्रैजुएशन के लिए दिल्ली आ गई थीं.
'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' सीरियल में मौनी ने कृष्णातुलसी का रोल निभाया था. मौनी के परिवार में उनकी मां मुक्ति, पिता अनिल, भाई मुखर भी हैं.
मौनी रॉय का एक्टिंग से पुराना नाता है. दरअसल, उनके दादा शेखर चंद्र रॉय जत्रा थिएटर आर्टिस्ट थे. इसी के साथ, उनकी मां मुक्ति भी थिएटर आर्टिस्ट रही हैं.
28 सितंबर 1985 को पैदा हुई मौनी रॉय बंगाल की रहने वाली हैं. मौनी के परिवार में उनकी मां मुक्ति, पिता अनिल, भाई मुखर भी हैं.
मौनी रॉय की फैन फॉलोइंग सबसे ज्यादा टेलीविजन सीरियल नागिन से बढ़ी थी. इसी सीरियल के बाद से फैंस उन्हें नागिन भी कहते हैं.
शानदार टेलीविजन करियर के बीच मौनी ने बलीवुड का भी रुख किया और सिल्वर स्क्रीन पर उन्हें अक्षय कुमार की फिल्म 'गोल्ड' में बड़ा ब्रेक मिला. इसी फिल्म से मौनी मे बॉलीवुड डेब्यू किया है.
मौनी ने 'शशश..कोई है' समेत कई सीरियल में यादगार काम किया है. हालांकि करियर की पहली सफलता उन्हें टेलीविजन सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से मिली थी.