राशन की दुकान पर हुई थी गोविंदा की घनघोर बेइज्जती, बेटे की हालत देख मां नहीं रोक पाईं आंसू
बॉलीवुड के डांसिंग किंग गोविंदा ने हिंदी सिनेमा पर दशकों तक राज किया. आज भी गोविंदा के नाम का मतलब है मस्ती, एनर्जी और सुपरहिट मनोरंजन जो उन्हें बॉलीवुड का आइकॉन बनाता है. उनकी स्वीट मुस्कान,दमदार डांस मूव्स और कॉमिक टाइमिंग आज भी दर्शकों को काफी पसंद है.
गोविंदा ने करीब 165 फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखाया. ‘इल्ज़ाम’ से शुरू हुए करियर में उन्होंने 'राजा बाबू', 'कुली नंबर 1', 'साजन चले ससुराल', 'वो प्यार किया ना किसने', 'स्वर्ग', 'बड़े मियां छोटे मियां', 'हीरो नंबर 1' और 'दूल्हे राजा' जैसी सुपरहिट यादगार फिल्में दी.
गोविंदा के नेटवर्थ के बात करें तो द इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार गोविंदा की टोटल नेटवर्थ 170 करोड़ है. इतने बड़े साम्राज्य को गोविंदा ने अपनी फिल्मों, ब्रांड एंडोर्समेंट और रियल एस्टेट से बनाया है.
गोविंदा आज भले ही बॉलीवुड के अमीर एक्टर्स की लिस्ट में शुमार हैं, लेकिन उनकी भी लाइफ में एक ऐसा वक्त आया था, जब घर के जरूरी सामान खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. उनका परिवार तंगहाली से गुजर चुका है.
गोविंदा का जन्म 21 दिसंबर 1963 को एक पंजाबी परिवार में हुआ था.उनके पिता अरुण कुमार अभिनेता और प्रोड्यूसर थे. उनकी मां निर्मला देवी एक्ट्रेस और सिंगर थी. इसके बावजूद, एक वक्त ऐसा आया जब उनका परिवार बेहद गरीबी में जी रहा था. परिवार के पास राशन तक खरीदने के पैसे नहीं थे. गोविंदा ने अपने एक पुराने इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था.
1997 में ‘इंडिया टुडे’ को दिए इंटरव्यू में गोविंदा ने अपने संघर्ष के दिनों का जिक्र किया था. उन्होंने बताया था कि उनके पिता अरुण अहूजा ने एक फिल्म में काफी पैसा लगाया था. मगर वो फिल्म फ्लॉप हो गई थी. ऐसे में उनका सारा पैसा डूब गया और वे कर्जे ले लद गए. हालात इतने खराब हो गए थे कि लोग पैसे वसूलने घर आने लगे लगे थे.
बातचीत में गोविंदा ने उस दर्दनाक पल को भी याद किया था जब उनके माता-पिता के पास किराने का सामान खरीदने तक के पैसे नहीं थे. ऐसे में एक बार गोविंदा को एक दुकानदार ने घंटों बाहर खड़ा कर अपमानित करता था, क्योंकि वह जानता था कि गोविंदा के पास पैसे नहीं हैं.
इसके बारे में गोविंदा ने जब घर आकर बताया तो उनकी मां टूट गई और रोने लगीं. अपनी मां को रोते देखकर गोविंदा खुद भी रोने लगे थे.