International Womens Day 2023: 'राजी' से लेकर 'इंग्लिश विंग्लिश' तक... बॉलीवुड की इन महिला प्रधान फिल्मों ने दिखाया समाज को सच का आईना
इंग्लिश-विंग्लिश- साल 2023 में आई फिल्म इंग्लिश-विंग्लिश देश की हर दूसरी महिला की कहानी थी. एक मिडिल क्लास हाउस वाइफ जो अंग्रेजी ना बोल पाने की वजह से अपने परिवार में हीन स्टेट्स शेयर करती है. लेकिन समाज को सच का आइना दिखाते हुए वह साबित करत है कि अगर मन में ठान लिया जाए तो अपनी कमजोरी पर जीत हासिल की जा सकती है. इसी के साथ वह मजबूत होकर बाहर आती हैं दिवंगत अदाकारा श्रीदेवी ने फिल्म में लीड रोल प्ले किया था और वे अपनी दमदार एक्टिंग से छा गई थीं.(इमेज क्रेडिट- IMDb)
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View In Appक्वीन- कौन कहता है कि दिल टूटने के बाद बैठकर रोना पड़ता है? कौन कहता है कि टूटी हुई शादी से सिर्फ डिप्रेशन ही होता है? साल 2014 में आई फिल्म क्वीन इसका एक उदाहरण है कि एक महिला अपनी लाइफ खुद की शर्तों पर जीने की हकदार है और वह अकेले भी लाइफ एंजॉय करत सकती है और अकेले अपनी लाइफ को लीड भी कर सकती है. समाज को सच का आइना दिखाने वाली फिल्म में कंगना रनौत ने एक ऐसी महिला की भूमिका निभाई है जो शांत है और बाहर जाने से डरती है लेकिन आखिरी समय में उसके मंगेतर द्वारा शादी तोड़ देने के बाद, वह अपने हनीमून के लिए अकेले पेरिस चली जाती है. दिल खुश कर देने वाली फिल्म आपको हंसाएगी और आपको सबक भी देगी जो आपको प्रेरित और आत्मविश्वासी महसूस कराएगी.(इमेज क्रेडिट- IMDb)
पिंक- एक फिल्म जिसमें दिखाया गया है कि जब एक महिला 'नहीं' कहती है, तो इसका मतलब 'नहीं' होता है. 'छेड़छाड़ हमारे देश में काफी आम है और इस बुराई को रोकने के लिए कई उपाय किए गए हैं. हालांकि, ऐसा करने वाले इसका दोष कुछ खास तरह के कपड़े पहनने, शराब पीने, पार्टी करने, रात में देर तक बाहर रहने के लिए लड़की को देते हैं. ‘पिंक’ एक ऐसी फिल्म है जो ऐसी मानसिकता के मुंह पर एक करारा तमाचा थी. फिल्म में तापसी पन्नू ने सेक्सुअल कंसेंट का मतलब सिखाया है. (इमेज क्रेडिट- IMDb)
नीरजा- साल 2016 में आई फिल्म दिवंगत फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोट की रियल लाइफ की कहानी पर बेस्ड है और ये कई लोगों के लिए प्रेरणा है. उसने अपने हाईडैक प्लेन से सैकड़ों यात्रियों को बचाया था. नीरजा की भूमिका निभाने वाली सोनम कपूर ने पूरी फिल्म में हमें गर्व, इमोशनल ब्रेकडाउन और साहस के कई पल दिए थे.(इमेज क्रेडिट- IMDb)
थप्पड़- घरेलू हिंसा की शुरुआत एक थप्पड़ से होती है और महिलाओं को चुप रहने के लिए कहा जाता है क्योंकि उन्हें बताया जाता है कि यह कोई बड़ी बात नहीं है. हालांकि 2020 में आई फिल्म ‘थप्पड़’ के जरिए तापसी पन्नू ने इस मुद्दे को हाईलाइट किया कि एक थप्पड़ सिर्फ एक थप्पड़ नहीं है बल्कि एक तरह की हिंसा है जिसे करने या बर्दाश्त करने का किसी को अधिकार नहीं है. इस फिल्म ने सच का आईना दिखाते हुए कई महिलाओं को बोलने और अपने लिए खड़े होने के लिए प्रेरित किया
मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ़ झांसी-कंगना रनौत-स्टारर यह फिल्म एक बायोग्राफिकल पीरियड ड्रामा है, जिसमें वह झांसी के राजा की पत्नी रानी लक्ष्मीबाई का किरदार निभाती हैं, जो ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा राज्य पर कब्जा करने की कोशिश करने पर झुकने से इनकार कर देती है. उसका विद्रोह जल्द ही ब्रिटिश राज के खिलाफ एक उग्र क्रांति में बदल जाता है.ये फिल्म सच का आईना दिखाते हुए बुराई के खिलाफ लड़ने की ताकत देती है.
राजी- आलिया भट्ट की लीड वाली राज़ी इस बात का प्रमाण है कि महिलाओं ने जीवन में कई अविश्वसनीय चीजें की हैं और इसे दुनिया को दिखाने की जरूरत है जहां हमें अभी भी समान अवसरों के लिए लड़ने की जरूरत है. फिल्म एक कड़ा संदेश देती है कि एक महिला देश से जुड़े जरूरी काम करने में भी सक्षम है. फिल्म 1971 के इंडो-पाक संघर्ष के दौरान की है. फिल्म में आलिया पाकिस्तान के एक आर्मी परिवार में शादी करती है और वहां से भारत को युद्ध के समय की संवेदनशील जानकारियां भेजती है.
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