Varalakshmi Vrat 2023: सावन का आखिरी शुक्रवार क्यों है खास ? इन 5 दुर्लभ उपायों से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न
वरलक्ष्मी व्रत के दिन महिलाएं आंगन या मुख्य द्वार पर रंगोली बनाकर कुमकुम हल्दी से गेट के दोनों ओर स्वास्तिक बनाएं. इस दिन 7 कन्याओं को घर बुलाकर चावल से बनी खीर खिलाएं. मान्यता है इससे मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं. आर्थिक संकट नहीं रहता.
सावन के आखिरी शक्रवार की रात मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए स्फटिक या कमल गट्टे की माला से महालक्ष्मी गायत्री मंत्र ‘ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्’ का 108 बार जाप करें. इस उपाय से धनलक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और दरिद्रता दूर होती है.
हरसिंगार (पारिजात) का पौधा मां लक्ष्मी का माना गया है. सावन के आखिरी शुक्रवार यानी वरलक्ष्मी व्रत के दिन इसे घर की पूर्व या उत्तर दिशा में लगाएं. इससे कुबेर की कृपा बरसती है. परिवार के सदस्य दोगुनी तरक्की करते हैं.
वरलक्ष्मी व्रत के दिन महालक्ष्मी की पूजा करें और उनके चरणों में 7 कौड़ियां अर्पित करें. पूजा के बाद इन 7 कौड़ियों को घर में कहीं जमीन के अंदर गाड़ दें. मान्यता है इससे धन प्राप्ति में आ रही समस्या दूर होती है, कर्ज से छुटकारा मिलता है.
वैसे तो गाय की सेवा रोजाना करनी चाहिए, लेकिन वरलक्ष्मी व्रत के दिन गाय को चारा, रोटी और ताजा अनाज खिलाने से मां लक्ष्मी व्यक्ति पर मेहरबान होती है. इससे शुक्र, शनि और 33 कोटि देवी-देवता का आशीर्वाद मिलता है. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है.