10 Mahavidhya Mandir: भारत का इकलौता ऐसा मंदिर, जहां 10 महाविद्या एकसाथ हैं विराजित
सामान्य नवरात्रि जैसे अश्विन और चैत्र नवरात्रि के दौरान भारत के कोने-कोने में मां दुर्गा के मंदिर में भीड़ रहती है लेकिन चूंकि गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या की पूजा होती है और भारत में एकसाथ महाविद्या एकलौता मंदिर गुवाहाटी में स्थित है.
गुवाहाटी के कामाख्या शक्तिपीठ एकलौता शक्तिपीठ है जहां दसों महाविद्या छिन्नमस्तिका, काली, भुवनेश्वरी, मातंगी, बगला, धूमावती, तारा, कमला, सरस्वती, और भैरवी एकसाथ विराजमान हैं. यहां माता सती की योनि गिरी थी.
विशेष सिद्धियां प्राप्ति के लिए तांत्रिक महाविद्या की पूजा करते हैं. महाविद्याओं की उत्पत्ति माता सती से हुई थी. माना जाता है कि यह अपने भक्तों की मनोकामनाएं तत्काल पूर्ण करतीं हैं.
मां तारा की पूजा से आर्थिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. मां काली की आराधना से शत्रु से रक्षा होती है, माता भुवनेश्वरी के आशीष से सूर्य के समान तेज ऊर्जा प्राप्ति होती है. देवी छिन्नमस्ता नकारात्मक शक्तियों से बचाती हैं.
माता भैरवी की पूजा से व्यापार और धन में बढ़ोत्तरी होती है. माता धूमावती के आशीश से व्य्कित महाप्रतापी और सिद्ध बनता है. मां बगलामुखी हर क्षेत्र में सफलता प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं.
गृहस्थ जीवन को सुखमय बनाने के लिए मातंगी देवी की आराधन होती है. वहीं धन, नारी, संतान की प्राप्ति के लिए कमला माता की पूजा अचूक मानी गई है.