Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा आज, जानें किस लकड़ी से बनता है भगवान का रथ और बाद में इसका क्या होता है?
पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा दुनियाभर में अपनी भव्यता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है. इस साल 27 जून 2025 को रथ यात्रा का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दौरान गोला कुआं स्थित प्राचीन मंदिर से भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है.
रथ यात्रा और भगवान का रथ हर किसी को मोहित करता है. बता दें कि रथ यात्रा के लिए भगवान जगन्नाथ, भगवान बालभद्र और देवी सुभद्रा के लिए तीन रथ तैयार किए जाते हैं, जिनके अलग-अलग नाम होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि, आखिर किस लकड़ी से भगवान का रथ तैयार किया जाता है और रथ यात्रा के बाद इसका क्या होता है? आइये जानते हैं.
रथ यात्रा से कई माह पहले ही रथ बनने की तैयारी शुरू हो जाती है, जिसकी शुरुआत अक्षय तृतीया के दिन होती है. पर्व खत्म होने के बाद रथ को तोड़ दिया जाता है और इसकी लकड़ियों को किसी अच्छे काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
रथ तैयार करने के लिए ओडिशा के मयूरभंज, गंजाम और क्योंझर जिलों के जंगल से लकड़ियां लाई जाती है. जिन पेड़ों से लकड़ियां काटी जाती है, उसकी पूजा भी शुभ मुहूर्त में की जाती है.
रथ बनाने के लिए ऐसे पेड़ो को चुना जाता है जिस पर चक्र, शंख, गदा या फिर पद्म आदि के निशान हों. खासकर सांप के बिल, पक्षियों के घोंसले, नदी या मंदिर आदि के समीप वाले पेड़ों को नहीं लिया जाता है.
जगन्नाथ भगवान के रथ बनाने के लिए फासी, धौरा, सिमली, सहजा और मही लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है. धौरा से पहिया, फासी से पहिए का एक्सल (रथ से जुड़ा रहने वाला पहिए का हिस्सा) और सिमली से ऊपर का गिस्सा बनाया जाता है. वहीं रथ के हल्के पार्ट्स सहजा से बनाए जाते हैं.