Gita Jayanti 2024: जीवन में समझे गीता का महत्व, हर मुश्किल राह हो जाएगी आसान
हिंदू धर्म में भगवत गीता को सबसे पवित्र ग्रंथ की श्रेणी में रखा गया है. साथ ही यह दुनिया का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है. हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है.
इस साल गीता जयंती 11 दिसंबर 2024 को है. कुरुक्षेत्र की भूमि में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे, उसे ही गीता कहा जाता है. गीता कृष्ण के मुख-कमल से नि:सृप्त हुई है.
गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जिसका अनुसरण करने वाले को स्वत: हर समस्या का समाधान मिलने लगता है. इसलिए जिसने गीता के महत्व को समझ लिया उसका जीवन सफल हो गया.
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ कृष्ण कहते हैं- कर्म पर तुम्हारा अधिकार है कर्म के फलों पर नहीं. इसलिए बिना फल की चिंता किए करो करते रहो.
क्रोधाद्भवति संमोह: संमोहात्स्मृतिविभ्रम:। स्मृतिभ्रंशाद्बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति॥ अर्थ: क्रोध से मनुष्य की मति-बुदि्ध मारी जाती है. स्मृति-भ्रम हो जाने से मनुष्य की बुद्धि नष्ट हो जाती है और बुद्धि का नाश हो जाने पर मनुष्य खुद अपना ही नाश कर बैठता है.
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ अर्थ: जब-जब धर्म का क्षय होता है और अधर्म बढ़ता है. तब-तब मैं (श्रीकृष्ण) धर्म के अभ्युत्थान के लिए अवतार लेता हूं.