Ashadha Amavasya 2023: पितरों के तर्पण के लिए खास है आषाढ़ अमावस्या का दिन, पितृदोष से मुक्ति के लिए करें ये काम
आषाढ़ महीने की अमावस्या को दर्श अमावस्या भी कहा जाता है. रविवार 18 जून 2023 को आषाढ़ अमावस्या है. पितरों की आत्मा की शांति और पितृ दोष से मुक्ति के लिए इस दिन आप इन आसान उपायों को जरूर करें.
तर्पण: आषाढ़ अमावस्या के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें. इस दिन पवित्र नदी में स्नान का महत्व है. इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और नदी के किनारे ही पितरों का पिंडदान या तर्पण करें.
व्रत रखें: आषाढ़ अमावस्या के दिन व्रत रखें और पितृसूक्त का पाठ करें. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं, कौवों को भी अन्न दें. साथ ही गाय और कुत्ते को भी भोजन कराएं. इसके बाद व्रत का पारण करें.
दान दें: आषाढ़ अमावस्या पर पितरों के निमित्त दान-दक्षिणा जरूर दें. इस दिन किसी गरीब या ब्राह्मण को दान देने का महत्व है. साथ ही पितरों की आत्मा की शांति के लिए घर पर हवन भी करा सकते हैं.
पीपल पेड़ पर दीप जलाएं: कहा जाता है कि आषाढ़ अमावस्या पर पीपल वृक्ष के पास संध्या के समय सरसों तेल का दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं. दीप जलाकर पितरों का स्मरण करें और सात बार वृक्ष की परिक्रमा करें.
अमावस्या के दिन शनि देव और शिवजी की भी पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.