Yoga In Saudi Arabia : मालदीव, मलेशिया, पाकिस्तान समेत कई इस्लामिक देशों के मौलाना और संगठनों ने योग को हमेशा धर्म के चश्मे से देखा, लेकिन सऊदी अरब ने इसे खेल के रूप में मान्यता दी. इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सऊदी अरब की तारीफ की. जनवरी में ही मक्का और मदीना में योग चैंपियनशिप भी कराई गई थी, जिसमें लड़के और लड़कियों ने योग में हिस्सा लिया था. अब रियाद से लेकर मक्का में सभी पवित्र जगह पर योग का आयोजन किया जा रहा है. सऊदी अरब लगातार योग शिक्षा के जरिए लोगों में योग का प्रचार कर रहा है. महिलाएं हों या पुरुष सभी योग सीख रहे हैं. मक्का में आयोजित चैंपियनशिप में 54 लड़कियां और 10 लड़के शामिल हुए थे.


ये हैं सऊदी की पहली महिला योग टीचर
सऊदी अरब में अगर कोई योग सीखना चाहता है या सिखाना चाहता है तो वह लाइसेंस लेकर ऐसा कर सकता है. नोउफ मारवाई सऊदी की पहली ऐसी योग टीचर हैं, जिनको सर्टिफिकेट मिला हुआ है. भारत को अपना दूसरा घर बताने वाली नोउफ ने सऊदी अरब में योग को एक आंदोलन बना दिया है. इसके लिए उन्होंने अरब योग फाउंडेशन बनाया है, जिसके जरिए वह योग के कार्यक्रम करती रहती हैं.


प्रधानमंत्री मोदी ने की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए सऊदी अरब की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के अमीर उनसे टिप्स पूछते हैं. पीएम मोदी ने बताया कि लंच या डिनर पर सऊदी के अमीर उनसे योग के बारे में पूछते हैं. ये सऊदी के लोग बताते हैं कि उनकी पत्नियां भारत में एक बार जरूर जाती हैं और योग सीखती हैं. परिवार के अन्य सदस्य भी भारत आते हैं.


महिलाओं को गाड़ी चलाने की दी थी मंजूरी
योग के लिए मंजूरी देने के बाद से ही सऊदी अरब की सरकार कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. वहीं, लोगों का कहना है कि सऊदी अरब ने देश में चलाए जा रहे सुधारों के बीच योग को मंजूरी दी है. योग के बाद सऊदी अरब में महिलाओं को गाड़ी चलाने और स्टेडियम में जाने की भी छूट दी थी. सिनेमा पर लगे बैन को भी हटा दिया था. जानकारों का कहना है कि यह सब मिशन 2030 को ध्यान में रखकर किया गया है. सऊदी अरब अपनी तेल पर निर्भरता को कम करना चाहता है, इसलिए दुनियाभर के पर्यटकों को बुला रहा है. सऊदी के कठोर शरिया कानून में ढील दी गई और विदेशी कंपनियों को बुलाया जा रहा है.


ये देश मानते हैं योग को भगवान की पूजा
योग का विरोध करने वालों में मालदीव, मलेशिया, पाकिस्तान समेत कई इस्लामिक देशों के मौलाना और संगठन शामिल हैं. इन कट्टरपंथियों का मानना है कि योग में सूर्य की पूजा की जाती है. योग की क्रियाएं सूरज को भगवान मानकर पूजा करने जैसी है, जिसकी इजाजत इस्लाम नहीं देता है. वहीं, कुछ का मानना है कि योग स्वस्थ रखने की एक क्रिया है. इसके धार्मिक चश्मे से न देखकर खेल के चश्मे से देखना चाहिए. बता दें कि योग को नवंबर 2017 में सऊदी में आधिकारिक तौर पर अनुमति दी गई थी. इसके बाद मई 2021 में सऊदी योग समिति का गठन हुआ, जिसे बाद में नए सऊदी योग महासंघ के रूप में मान्यता दी गई.