जिनेवा: रूस ने दुनिया की पहली कोरोना रजिस्टर कर दी है. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि उसके पास अभी तक रूस के जरिए विकसित किए जा रहे कोरोना वैक्सीन के बारे में जानकारी नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन से जुड़ी स्वास्थ्य चिंताओं के बीच पिछले सप्ताह रूस से कहा था कि वह कोविड-19 का टीका बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करे. रूस का टीका विश्व स्वास्थ्य संगठन के उन छह टीकों की लिस्ट में नहीं है जो तीसरे चरण के परीक्षण की स्थिति में पहुंच चुके हैं.


हालांकि अब डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता ने कहा कि वो दुनिया के पहले संभावित कोविड-19 वैक्सीन की प्री-क्वालिफिकेशन को लेकर रूस के साथ संपर्क में है. डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "हम रूसी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में हैं और डब्ल्यूएचओ द्वारा वैक्सीन के संभावित प्री-क्वॉलिफिकेशन के बारे में चर्चा चल रही है. किसी भी वैक्सीन की प्री-क्वॉलिफिकेशन में क्लिनिकल परीक्षणों के दौरान सुरक्षा और उसके प्रभाव के लिए आवश्यक सभी डेटा की कठोर समीक्षा और मूल्यांकन शामिल है."


उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि डब्ल्यूएचओ की ये प्रक्रिया किसी भी वैक्सीन उम्मीदवार के लिए समान है. हर देश में राष्ट्रीय नियामक संस्थाएं हैं जो अपने क्षेत्र में टीकों या दवाओं के उपयोग को मंजूरी देती हैं. निर्माता डब्ल्यूएचओ की प्री-क्वॉलिफिकेशन के लिए कहते हैं, क्योंकि यह गुणवत्ता पर एक तरह से मुहर है.


दुनिया का पहला कोविड-19 वैक्सीन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का पहला टीका विकसित कर लिया है जो कोविड-19 से निपटने में 'बहुत प्रभावी ढंग से' काम करता है और 'एक स्थायी रोग प्रतिरोधक क्षमता' का निर्माण करता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी बेटियों में से एक को यह टीका पहले ही दिया जा चुका है.


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