World Economy in 2050: PWC के नए रिसर्च के मुताबिक, अगले 30 सालों में दुनिया की अधिकांश सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं वे होंगी जो आज उभर रही हैं. ये देश अमेरिका, जापान और जर्मनी जैसे मौजूदा दिग्गज अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ देंगे. इसमें मुस्लिम देश इंडोनेशिया भी शामिल है, जो रूस और जापान को पीछे छोड़ देगा. पीडब्ल्यूसी के मुताबिक साल 2050 में चीन दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति होगा, वहीं भारत दूसरे स्थान पर रहेगा. इस लिस्ट में पाकिस्तान का नाम दूर तक नजर नहीं आ रहा है.


बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रेक्सिट, कोरोना वायरस और दुनिया में चल रहे व्यापार झगड़ों के बावजूद दुनिया की आर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने वाली है. तात्कालिक चुनौतियों के बावजूद विश्व की अर्थव्यवस्था अगले कुछ दशकों में तेजी से बढ़ सकती है. साल 2050 तक वैश्विक बाजार आज के हिसाब से दोगुने आकार का  हो सकता है. जबकि संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि दुनिया की जनसंख्या में केवल 26 फीसदी की मामूली वृद्धि होगी.


साल 2050 तक रूस और जापान को पीछे छोड़ देगा इंडोनेशिया
बीबीसी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि अपने साथ बहुत सारे बदलाव लाएगी, हालांकि यह भविष्यवाणी करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है कि भविष्य कैसा होगा. ज्यादातर दुनिया के अर्थशास्त्री एक बात पर सहमत हैं कि आज के विकासशील बाजार कल की आर्थिक महाशक्तियां होंगे. इंडोनेशिया साल 2050 तक 4 अंक के उछाल के साथ 8वें से सीधे चौथे स्थान पर पहुंच जाएगा.


2050 तक आर्थिक उतार-चढ़ाव
अंतरराष्ट्रीय पेशेवर सेवा फर्म 'पीडब्ल्यूसी की द वर्ल्ड इन 2050 रिपोर्ट' के अनुसार, अगले 30 वर्षों में दुनिया की सात सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से छह आज की उभरती अर्थव्यवस्थाएं होंगी. इसके मुताबिक अमेरिका दूसरे से तीसरे स्थान पर आ जाएगा, जबकि जापान चौथे से गिरकर 8वें स्थान पर पहुंच जाएगा और जर्मनी 5वें से गिरकर 9वें स्थान पर पहुंचेगा.  रिपोर्ट के मुताबिक, वियतनाम, फिलीपींस और नाइजीरिया जैसी छोटी अर्थव्यवस्थाएं भी अगले तीन दशकों में अपनी रैंकिंग में भारी उछाल देखेंगी.


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