India-Pakistan Trade News: "हम भारत के साथ व्यापार पर गंभीरता से विचार करेंगे", पाकिस्तान के विदेश मंत्री इश्हाक डार ने अपने मुल्क से हजारों किलोमीटर दूर बैठकर लंदन में ये बातें कहीं. डार के इस बयान में एक मजबूरी छिपी हुई है, जो पड़ोसी देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से जुड़ी है. पाकिस्तान की इकॉनोमी अभी आईसीयू में पड़ी है और इसे ठीक करने के लिए व्यापार ही एकमात्र 'दवा' है. यही वजह है कि पाकिस्तान भारत संग व्यापार करना चाहता है. 


दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार 2019 से ही बंद है. पिछले पांच सालों से दोनों देशों के रिश्ते भी सबसे न्यूनतम स्तर पर हैं. अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर दोनों देशों के बीच व्यापार किस वजह से बंद हुआ? भारत और पाकिस्तान के बीच किन चीजों का व्यापार हो रहा था? क्या सच में भविष्य में दोनों देशों के बीच व्यापार शुरू हो सकता है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब आज हम जानने की कोशिश करेंगे. 


क्यों बंद हुआ भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार?


भारत ने 5 अगस्त, 2019 को जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया, तो पाकिस्तान ने द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड कर दिया. हालांकि, पाकिस्तान संग व्यापार बंद होने के पीछे एक प्रमुख वजह और थी. 2019 में ही फरवरी महीने में पुलवामा हमला हुआ, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान को दिए गए 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' (एमएफएन) के दर्जे को खत्म कर दिया. 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले में भारत के 40 जवान शहीद हो गए थे. 


पुलवामा हमले को पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था. भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान से न सिर्फ एमएफएन का दर्जा छीना, बल्कि पड़ोसी मुल्क से आयात होने वाली चीजों पर 200 फीसदी टैरिफ लगा दिया. इससे पाकिस्तान संग व्यापारिक रिश्ते बिल्कुल गर्त में चले गए. एमएफएन के जरिए दो देशों के बीच मुक्त और स्वतंत्र व्यापार होता है. 


भारत-पाकिस्तान के बीच किन चीजों का होता था व्यापार?


नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच कपास लेकर प्लास्टिक तक का आयात-निर्यात हो रहा था. पाकिस्तान भारत से कपास, ऑर्गेनिक केमिकल, प्लास्टिक, डायिंग एक्सट्रेट, न्यूक्लियर रिएक्टर, बॉयलर्स, मशीनरी और मकेनिकल डिवाइस जैसी चीजें आयात करता था. वहीं, भारत पाकिस्तान से मिनरल फ्यूल एवं तेल, फल एंव मेवे, नमक, सल्फर, पत्थर एवं प्लास्टरिंग मटैरियल्स, अयस्क, लावा, कच्ची खाल और चमड़ा जैसी चीजें आयात कर रहा था. 


पाकिस्तान क्यों करना चाहता है व्यापार?


भले ही पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने खुल कर भारत संग व्यापार की बात नहीं कही है. हालांकि, उनके इस बयान के पीछे कई वजहे हैं. सबसे पहली वजह ये है कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार आई है, जिसने अपनी नई नीति को भी पेश किया है. भारत संग व्यापार की बेताबी की एक जगह पाकिस्तान की खराब अर्थव्यवस्था भी है. 2022 की बाढ़, बढ़ती महंगाई और राजनीतिक अस्थिरता ने आवाम की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. 


देश को अरबों डॉलर के कर्ज के लिए अक्सर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) या सऊदी अरब और चीन जैसे मित्र देशों से संपर्क करना पड़ रहा है. भारत के साथ व्यापार बंद होने से दूर देशों से सामान आयात करने में बहुत ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार यूज करना पड़ रहा है, जो पहले से ही काफी कम है. इन वजहों से पाकिस्तान भारत संग व्यापार के लिए छटपटा रहा है. हालांकि, भारत का रुख एकदम साफ है कि जब तक आतंकवाद नहीं रुकेगा, पाकिस्तान संग बातचीत समेत रिश्ते सामान्य नहीं होंगे.


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