Next Army Chief of Pakistan: पाकिस्तान के सेना प्रमुख (Pakistan Army Chief) जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) रिटायर होने वाले हैं. 61 साल के बाजवा नवंबर के आखिरी हफ्ते में सेवानिवृत्त हो जाएंगे. पाकिस्तान (Pakistan) में सेना प्रमुख का कार्यकाल तीन साल का होता है. बाजवा 2016 में इस पद पर नियुक्त हुए थे लेकिन 2019 में उन्हें एक अतिरिक्त कार्यकाल दे दिया गया था. 


सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) अगस्त के आखिर तक अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति पर चर्चा शुरू करेंगे और सितंबर के मध्य तक फैसला ले लिया जाएगा. इसी बीच अगले पाक सेनाध्यक्ष की रेस में शामिल छह सैन्य अधिकारियों के नामों की चर्चा होने लगी है.


ऐसे होती है पाक सेनाध्यक्ष की नियुक्ती


पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 243 (3) के अनुसार, पाक सेनाध्यक्ष की नियुक्ती प्रधानमंत्री द्वारा नामों की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति करता है. इस प्रक्रिया की शुरुआत पाकिस्तान के जनरल हेडक्वॉर्टर से होती है. वहां से सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल स्तर अधिकारियों के कुछ नामों की सूची और उनकी प्रोफाइल संबंधी फाइलें रक्षा मंत्रालय के पास भेजी जाती है. रक्षा मंत्रालय उस सूची को प्रधानमंत्री को भेजता है. इसके बाद पीएमओ या कैबिनेट में नामों पर चर्चा होती है. पाक पीएम निर्वतमान सेना प्रमुख और करीबी सलाहकारों से भी चर्चा करते हैं और फिर एक नाम पर मुहर लगाकर उसे राष्ट्रपति के पास भेज देते हैं. इस प्रकार सेनाध्यक्ष की नियुक्ती हो जाती है.


हालांकि, यह भी कहा जाता है कि विदाई के वक्त सेना प्रमुख ही अगले शीर्ष सैन्य अधिकारी के नाम का सुझाव देता है. 1972 से अब तक बने दस पाक सेनाध्यक्षों में से पांच को शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज शरीफ पीएम रहते बनाया था. पाकिस्तानी सेना पर भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराने का आरोप लगता है. सेना प्रमुख की नियुक्ति के समय भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों को ध्यान में रखा जाता है और यह भी कि कौन इंडिया से लोहा ले सकता है. 


अगले पाक सेनाध्यक्ष की रेस में शामिल ये छह चेहरे


पाकिस्तान में छह वरिष्ठ सैन्य अधिकारी सेना प्रमुख बनने की रेस में बताए जा रहे हैं. इनमें लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर, लेफ्टिनेंट जनरल शाहिर शमशाद मिर्जा, लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास, लेफ्टिनेंट जनरल नौमान महमूद, लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद और लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद आमिर के नाम शामिल हैं. 


लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर


लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर उम्मीदवारों में सबसे वरिष्ठ माने जा रहे हैं. अक्टूबर 2018 में उन्हें पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई का प्रमुख बनाया गया था लेकिन इमरान खान के कहने पर उन्हें आठ महीनों में हटा दिया गया था. लेफ्टिनेंट जनरल का उनका चार साल का कार्यकाल 27 नवंबर 2022 को खत्म हो रहा है.


लेफ्टिनेंट जनरल शाहिर शमशाद मिर्जा


लेफ्टिनेंट जनरल शाहिर शमशाद मिर्जा का नाम भी रेस में शामिल है. उत्तरी वजीरिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और दूसरे लड़ाकों के खिलाफ सैन्य अभियानों के अंजाम देने में उनकी मुख्य भूमिका बताई जाती है. अक्टूबर 2021 में उन्हें कॉर्प्स कमांडर रावलपिंड बनाया गया था. 


लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास


लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास को भारत के साथ संबंधों का खासा अनुभव है. वर्तमान में वह जनरल स्टाफ के प्रमुख की भूमिका में हैं और सेना की प्रत्यक्ष निगरानी और खुफिया तंत्र का काम संभाल रहे हैं. इससे पहले उन्होंने रावलपिंडी स्थित कश्मीर केंद्रित और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक्स कॉर्प्स की कमान संभाली थी. कहा जाता है कि जब वह एक्स कॉर्प्स की कमान संभाल रहे थे तब 2003 में भारत पाकिस्तान के संबंध उस समझ पर पहुंचे थे कि दोनों ने नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम समझौते का सम्मान किया था. जनरल अब्बास को समझौते का पालन कराने का जिम्मा दिया गया था. 


लेफ्टिनेंट जनरल नौमान महमूद


लेफ्टिनेंट जनरल नौमान महमूद वर्तमान में पाकिस्तान की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष हैं. वह आईएसआई में महानिदेश (विश्लेषण) की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. पाकिस्तान की राष्ट्रीय रक्षा के संबंध में विदेश नीति विश्लेषण में उनकी अहम भूमिका बताई जाती है.


लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद


लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद की वर्तमान पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से सेना में भर्ती के समय से जान पहचान है. जनरल बाजवा की देखरेख में वह एक्स कॉर्प्स की कमान संभाल चुके हैं. आईएसआई में वह काउंटर इंटेलिजेंस के महानिदेशक की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं, जहां पर वह आंतरिक सुरक्षा के अलावा राजनीति मामलों के लिए भी जिम्मेदार थे. 2019 में उन्हें आईएसआई प्रमुख बनाया गया था और 2021 तक उन्होंने इस पद पर सेवा दी.


लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद आमिर


लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद आमिर को जनरल बाजवा को करीबी विश्वासपात्र माना जाता है. वह पाकिस्तान के जनरल हेडक्वॉर्टर्स में एडजटेंट जनरल थे. वह लाहौर में तैनात 10 इनफैंट्री डिवीजन की कमान 2017-18 के दौरान संभाल चुके हैं.


बता दें कि हाल में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख इमराम खाम ने देश की मौजूदा हालत के लिए सेनाध्यक्ष की नियुक्त के मामले को जिम्मेदार बताया था और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था. उन्होंने कहा था कि जनरल कमर जावेद बाजवा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति योग्यता के आधार पर होनी चाहिए.


यह भी पढ़ें


भारत में सत्ताधारी दल के नेताओं पर सुसाइड अटैक की चल रही थी तैयारी, रूस ने ISIS आतंकी को किया गिरफ्तार


Imran Khan Bail: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को इस्लामाबाद कोर्ट ने दी प्रोटेक्टिव बेल, दिया