Ibrahim Raisi Death: हेलिकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत के बाद अब तरह-तरह के अंदेशे जताए जा रहे हैं. रविवार को हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद से सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों में लोग मौत की वजह जानना चाह रहे हैं. कई लोग इनकी मौत के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, तो कुछ लोग अंदरूनी सियासत को वजह मान रहे हैं. 


हेलिकॉप्टर क्रैश में इब्राहिम रईसी की मौत की पुष्टि होने के कुछ घंटे बाद ही इजरायल के एक अधिकारी ने कहा कि ईरानी राष्ट्रपति की मौत में इजरायल का हाथ नहीं है. दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर कुछ लोग रईसी की मौत का जिम्मेदार इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद को मान रहे हैं. इसकी वजह से ट्विटर पर मोसाद हैशटैग ट्रेंड करने लगा था. 


रईसी की मौत की थ्यौरी यहीं नहीं रुकी, कुछ लोग इसके पीछ लेजर गाइडेड अंतरिक्ष हथियारों को भी मान रहे हैं. ऐसे लोगों का मानना है कि लेजर वेपन के जरिए अंतरिक्ष से इब्राहिम रईसी के विमान को निशाना बनाया गया. इसके अलावा ईरान की अंदरूनी लड़ाई भी एक नई थ्यौरी के रूप में आई है. कुछ लोगों का मानना है कि ईरान में उत्तराधिकार की लड़ाई चल रही थी. 


हाल ही में ईरान ने इजरायल पर किए थे हमले
इजरायल को लंबे समय से शिया मुल्क ईरान का दुश्मन माना जाता है, ऐसे में इजरायल पर संदेह करना लाजमी है. हालांकि, खराब मौसम को ईरानी राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर क्रैश की मुख्य वजह बताई जा रही है. इसके अलावा ईरान और इजरायल की दुश्मनी भी छुपी नहीं है, हाल ही में ईरान ने इजरायल पर सैकड़ों हवाई हमले किए थे. 


यहूदी वैज्ञानिक को इजरायल पर संदेह
यहूदी वैज्ञानिक बेंजामिन रूबिनस्टेन ने सोशल मीडिया पर कहा कि इजरायल को इस मसले से अलग नहीं किया जा सकता है. पूरी जांचे के बाद ही मामले का खुलासा हो सकेगा. बेंजामिन रूबिनस्टेन को यहूदी विरोधी माना जाता है, जबकि यह खुद यहूदी हैं. ईरान के सरकारी टेलीविजन पर सबसे पहले एक एक्सपर्ट ने इब्राहिम की मौत को साजिशों से जोड़ा था, जिसके बाद नई-नई थ्यौरी सामने आने लगी. 


राष्ट्रपति के पायलट पर भी संदेह
कुछ लोग पायलट पर ही संदेह जता रहे हैं, लोगों का कहना है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि पायलट ने किसी तरह की इमरजेंसी होने की कोई सूचना नहीं दी है. ऐसे यह भी हो सकता है कि पायलट विमान को कंट्रोल करने में ही उलझ गया हो या उसने जानबूझकर ऐसा किया हो. वहीं लेजर वीपन को वजह मान रहे लोगों का कहना है कि ऐसे वीपन का पहले भी प्रयोग होता आया है, ऐसे में इसे पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है.


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