लंदन:  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसुस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) के पांच साल के दूसरे कार्यकाल की संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के सदस्य देशों ने मंगलवार को पुष्टि कर दी. घातक कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से निपटने के लिए मौजूदा कठिनाइयों के बीच किसी अन्य उम्मीदवार ने इस पद के लिए टेड्रोस को चुनौती नहीं दी.


डब्ल्यूएचओ के एक अन्य अधिकारी ने कमरे में मौजूद सभी से खड़े होने और उनकी सराहना करने के लिए कहा तब टेड्रोस ने कहा, ‘‘यह भाव विह्वल करने वाला है.’’ टेड्रोस अत्यंत भावुक हो गए थे और उनकी आंखों में आंसू थे. उन्होंने अपने आंसुओं को रोकते हुए खुद को ‘‘युद्ध का नौसिखिया’’ बताया. उन्होंने कहा कि कम उम्र में अपने छोटे भाई की मृत्यु देखने के बाद, ‘‘किस्मत ने मुझे यहां तक पहुंचाया.’’


इथियोपिया में मंत्री रहे टेड्रोस ने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 से निपटने में विश्व स्वास्थ्य संगठन का अपने प्रबंधन कौशल से नेतृत्व किया और कभी-कभी इसके कई गलत कदमों पर आलोचना का सामना किया. वह एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले अफ्रीकी हैं और एकमात्र महानिदेशक हैं जो डॉक्टर नहीं हैं.


 






टेड्रोस के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी चीन सहित कई देशों को उनकी गलतियों के लिए रोकने में विफल रही. इन देशों ने महीनों तक मास्क पहनने के खिलाफ सलाह दी थी और शुरू में कहा था कि कोरोना वायरस के तेजी से स्वरूप बदलने की संभावना नहीं है.


चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा भेजे गए वैज्ञानिकों ने कहा था कि पिछले साल एक रिपोर्ट जारी करने के बाद महत्वपूर्ण जांच ‘‘ठप’’ हो गई थी, यहां तक ​​​​कि टेड्रोस ने भी स्वीकार किया था कि रिपोर्ट में प्रयोगशाला से वायरस के प्रसार की आशंका से इनकार करने में जल्दबाजी की गई थी.


'हमें एक सतत नेतृत्व की आवश्यकता है'
वाशिंगटन में सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट में वैश्विक स्वास्थ्य नीति के निदेशक जेवियर गुजमैन ने कहा, ‘‘कुछ घटनाएं हुई हैं, लेकिन टेड्रोस भी महामारी के दौरान समान रूप से आवाज उठाते रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि टेड्रोस के नेतृत्व के बारे में आपत्तियों के बावजूद, कुछ देश बदलाव के लिए जोर देने को तैयार नहीं हैं. गुजमैन ने कहा, ‘‘हम महामारी के बीच में हैं और हमें इस कठिन क्षण से निकालने के लिए एक सतत नेतृत्व की आवश्यकता है.’’


टेड्रोस ने अक्सर अमीर देशों को निशाना बनाया
दुनिया में कोविड-19 रोधी टीकों की सीमित आपूर्ति और टीकों की जमाखोरी के लिए टेड्रोस ने अक्सर अमीर देशों को निशाना बनाया है और इस बात पर जोर दिया है कि दवा कंपनियां अपनी दवाएं गरीबों को उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही हैं.


रूसी आक्रमण (Russian Invasion) के बाद यूक्रेन (Ukraine) पर लगभग सभी का ध्यान केंद्रित होने के बीच टेड्रोस ने यमन (Yemen), सीरिया (Syria) और अफगानिस्तान (Afghanistan) सहित अन्य जगहों पर संकटों के हल के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर वैश्विक समुदाय की खिंचाई की थी और कहा था कि ऐसा संभवतः इसलिए हुआ क्योंकि पीड़ित गोरे नहीं थे. फिर भी, आलोचकों का कहना है कि टेड्रोस कुछ मूलभूत मुद्दों पर विफल रहे हैं.


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