नई दिल्ली: कोरोना को मात देने वाली वैक्सीन कब आएगी, ये सवाल हर किसी के मन में है. क्योंकि कोरोना का एकमात्र इलाज सिर्फ इसकी वैक्सीन ही है. दुनिया में इस वक्त 200 कंपनियां कोरोना वायरस की वैक्सीन खोजने में लगी हैं. भारत में भी 30 कंपनियां वैक्सीन बनाने का दावा कर रही हैं. हम आपको बताते हैं कोरोना वैक्सीन की खोज कहां तक पहुंच चुकी है.


दुनिया के तमाम देश वैक्सीन पर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. लेकिन इनमें से पांच बड़े दावेदार के बारे में बताते हैं-




  • पहला दावा- रूस की सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर चुकी है

  • दूसरा दावा- चीनी कंपनी साइनोवैक का दावा है कि उनका तीसरे फेज का ट्रायल चल रहा है

  • तीसरा दावा- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी दूसरे और तीसरे फेज का ट्रायल कर रही है

  • चौथा दावा- कैनसिनो बायोलॉजिक्स का फेज-2 ट्रायल पूरा हो गया है

  • पांचवा दावा- मॉडर्ना का भी फेज-2 ट्रायल पूरा हो गया है


दुनिया की 138 कंपनियां प्री क्लीनिकल स्टेज पर वैक्सीन का ट्रायल कर रही हैं. फेज-1 में 17 कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. फेज-2 में 9 वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है और तीन वैक्सीन का ट्रायल फेज-3 में चल रहा है. इनमें से वैक्सीन बेचने की मंजूरी किसी को नहीं मिली है. मार्केट में वैक्सीन सेल करने की मंजूरी लेने के लिए इन्हें फेज-6 तक पहुंचना होगा.


कितने फेज में होता है ट्रायल




  1. रिसर्च

  2. प्री क्लीनिकल ट्रायल

  3. क्लीनिकल ट्रायल

  4. मंजूरी

  5. उत्पादन

  6. क्वालिटी कंट्रोल


अभी तक ज्यादातर कंपनियां तीसरे फेज क्लीनिकल ट्रायल तक ही पहुंच पाई हैं. क्लीनिकल ट्रायल में भी तीन चरण होते हैं. पहले चरण में 100 से कम लोगों पर ट्रायल किया जाता है. दूसरे चरण में सैकड़ों और तीसरे चरण में हजारों लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल होता है.


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