Russia: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार (2 नवंबर) को व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) को रद्द करने वाले एक कानून पर हस्ताक्षर किया. गौरतलब है कि 1996 में अपनाई गई परीक्षण प्रतिबंध संधि दुनिया में कहीं भी परमाणु परीक्षण पर प्रतिबंध लगाती है. इस संधि में रूस भी शामिल था. 


बता दें कि यह संधि कभी भी पूरी तरह से लागू नहीं की गई. इस संधि को अभी तक चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, इजरायल, ईरान और मिस्र ने पूरी तरह से नहीं माना है. गौरतलब है कि पुतिन ने पिछले सप्ताह बैलिस्टिक मिसाइल अभ्यास का निरीक्षण किया था. पुतिन के निरीक्षण से पहले रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने इसे दुश्मन के लिए परमाणु हमले के लिए अभ्यास बताया था.


कॉल सुन रहा हूं: पुतिन 


अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 5 अक्टूबर को पुतिन ने कहा था, ''मैं परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू करने के लिए कॉल सुन रहा हूं. मैं यह कहने के लिए तैयार नहीं हूं कि हमें वास्तव में परीक्षण करने की जरूरत है या नहीं.''


रूस ने 6 अक्टूबर को इस संधि से बाहर आने की घोषणा की थी, जिसके बाद संधि को रद्द करने का विधेयक पिछले महीने संसद से पारित हुआ. ऐसे में पुतिन के साइन करने के साथ ही अब रूस अब इस संधि से बाहर आ गया है. अब रूस नया परमाणु परीक्षण करने के लिए स्वतंत्र है और वह संधि की शर्तों में बंधा नहीं है. यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच रूस का यह कदम चौंकाने वाला है. 


उप विदेश मंत्री ने कहा था- मॉस्को प्रतिबंध का सम्मान करेगा


अक्टूबर की शुरुआत में उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा था कि मॉस्को प्रतिबंध का सम्मान करना जारी रखेगा और अगर अमेरिका ऐसा करेगा तो ही परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करेगा, लेकिन हाल ही में उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने नेवादा में अपने परीक्षण स्थल पर एक रासायनिक विस्फोट किया है.


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