Afghanistan Talibani Decre: अफगानिस्तान में आए दिन तालिबानी फरमान जारी होता रहता है. इसी कड़ी में मंगलवार को नया आदेश जारी किया गया, जिसमें अफगान लड़कियों के लिए यूनिवर्सिटी स्तर की एजुकेशन पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया गया. अब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तालिबान के इस फैसले की निंदा की है. एंटनी ब्लिंकन ने आगाह किया कि कट्टरपंथी इस्लामी शासन को इसके परिणाम झेलने होंगे.


तालिबान सरकार ने महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता पर नकेल कसते हुए नए फरमान में कहा था कि अफगानिस्तान में निजी और सार्वजनिक यूनिवर्सिटी में महिला छात्राओं को तत्काल प्रभाव से अगली सूचना तक प्रतिबंधित कर दिया गया है. तालिबान ने पिछले साल अफगानिस्तान की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद नरम रुख अपनाने का वादा किया था. तालिबान के इस हालिया फैसले ने इस्लामी कानून या शरिया के कड़े नियम लागू करने की उसकी मंशा एक बार फिर साफ कर दिया है.


शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम ने जारी किया पत्र 
अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम की ओर से सभी सरकारी और निजी यूनिवर्सिटी को एक पत्र जारी किया गया. पत्र पर नदीम के हस्ताक्षर भी हैं. पत्र में कहा गया आप सभी को सूचित किया जाता है कि अगली सूचना तक महिलाओं की शिक्षा स्थगित करने के आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए.


एंटनी ब्लिंकन ने कहा- महिलाओं की यूनिवर्सिटी स्तर की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाया जाना तालिबान का फैसला अस्वीकार्य है. अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों को उनके मानवाधिकारों का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए और अन्य प्रतिबंध लगाने की अमेरिका निंदा करता है. बता दें, अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में छात्राओं केयूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा देने के करीब तीन महीने बाद यह प्रतिबंध लगाया गया है.


अमेरिका ने अफगानिस्तान को अंजाम भुगतने की दी धमकी
एंटनी ने आगाह किया, "शिक्षा एक मानवाधिकार है. यह अफगानिस्तान के आर्थिक विकास और उसकी स्थिरता के लिए भी आवश्यक है. तालिबान तब तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक वैध सदस्य बनने की उम्मीद नहीं कर सकता जब तक कि वह अफगानिस्तान में सभी के अधिकारों का सम्मान नहीं करता. तालिबान को इस फैसले के परिणाम झेलने होंगे."


आधी आबादी को आगे बढ़ने से रोका नहीं है सकता
अफगानिस्तान में मानवीय संकट के बीच इस कदम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता हासिल करने के तालिबान के प्रयासों को नुकसान पहुंचाना लगभग तय है. एंटनी ने कहा, दुनिया में कोई भी देश महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा हासिल करने से नहीं रोकता. अफगानिस्तान को पहले से ही हर साल एक अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो रहा है. जिससे उबरने में महिलाएं योगदान कर सकती हैं. कोई भी देश उसकी आधी आबादी को आगे बढ़ने से रोके जाने तक तरक्की नहीं कर सकता.


अमेरिका अफगानिस्तान के नागरिकों की मदद करना रखेगा जारी
एंटनी ने कहा, तालिबान के नए फरमान का मतलब है कि महिलाओं व लड़कियों को अपना परिवार चलाने और रोजगार तलाशने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. प्रतिबंध के बावजूद अमेरिका महिलाओं और लड़कियों सहित अफगानिस्तान के लोगों की मदद करना जारी रखेगा. उनकी मानवीय जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करेगा और सामूहिक रूप से उनके अधिकारों की वकालत करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करेगा.


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