US Presidential Election 2024: अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है. ऐसे में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से कई चेहरे मैदान में हैं, जो अपनी-अपनी उम्मीदवारी की दावेदारी पेश कर रहे हैं. हालांकि, इस लिस्ट में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद, जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है वो हैं भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक विवेक रामास्वामी. वह आए दिन अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रख रहे हैं. इसी कड़ी में रामास्वामी ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम को 'गिरमिटिया' का नाम दिया है. साथ ही उन्होंने एच-1 बी वीजा प्रोगाम को खत्म करने की वकालत की है. 


न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी की दावेदारी पेश कर रहे विवेक रामास्वामी ने कहा कि इस लॉटरी आधारित सिस्टम को खत्म कर देना चाहिए. विवेक ने कहा है कि लॉटरी प्रणाली को मौजूदा मेरिटोक्रेटिक एंट्री से बदला जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि अगर वह अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो एच-1बी वीजा के बदले मेरिटोक्रेटिक एंट्री शुरू करेंगे.


एच-1बी वीजा कार्यक्रम को बताया 'गिरमिटिया' दासता


रिपोर्ट के अनुसार, रामास्वामी ने अपने ताजा बयान में कहा, ''एच-1बी वीजा कार्यक्रम 'गिरमिटिया' दासता का एक रूप है जो केवल उस कंपनी को लाभ पहुंचाता है जिसने एच-1बी आप्रवासी को स्पांसर किया था. मैं इसे खत्म कर दूंगा.'' उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को श्रृंखला-आधारित प्रवासन (चेन बेस माइग्रेशन) को खत्म करने की जरूरत है. जो लोग परिवार के सदस्यों के रूप में आते हैं वे योग्यताधारी माइग्रेंट्स नहीं हैं.


क्या है H-1B वीजा?


गौरतलब है कि एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है. एच1बी वीजा आमतौर पर उन लोगों को दिया जाता है जो अमेरिका में काम करने के लिए जाते हैं. यह वीजा इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट की धारा 101 (A) (15)(H) के तहत जारी होता है. विवेक रामास्वामी खुद इसका प्रयोग 29 बार कर चुके हैं. उन्होंने अपनी फार्मा कंपनी के लिए उच्च-कुशल पेशेवरों को नियुक्त करने के लिए इसका प्रयोग किया है. 


ये भी पढ़ें: Pakistan Miss Universe: पाकिस्तान में मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता पर क्यों मचा है बवाल, पाक की अंतरिम सरकार ने अब क्या किया?