China Attack on Taiwan: चीन ने असीम ताकत हासिल कर ली है और अब वह किसी भी पल ताइवान पर हमला कर सकता है. ये कहना है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन का. उनके इस दावे की वजह से टेंशन बढ़ गई है. चीन और ताइवान के बीच पिछले कुछ महीनों में काफी तनाव बढ़ा है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है. बीजिंग पहले ही कह चुका है कि वह ताइवान को अपने साथ करके रहेगा, फिर इसके लिए बलप्रयोग क्यों न करना पड़े. 


डेली एक्सप्रेस यूएस की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व एनएसए बोल्टन ने चेतावनी दी है कि चीन की आर्थिक मंदी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कम्युनिस्ट पार्टी को आश्वस्त कर सकती है कि अब ताइवान पर कब्जा करने का वक्त आ गया है. बोल्टन डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं. वह रिपब्लिकन पार्टी के राज में कई प्रमुख पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. ऐसे में उनके जरिए चीन-ताइवान को लेकर कही गई इस बात में दम भी नजर आ रहा है.


क्यों ताइवान पर हमले का अब ज्यादा डर? 


जॉन बोल्टन ने कहा कि एक ऐसा सिद्धांत है, जिसे लेकर मुझे लगता है कि इसमें बहुत दम है. आप ये मानकर चलें कि सैन्य बल तभी होता है, जब कोई देश आर्थिक शक्ति के तौर पर अच्छे से काम करे. वह कहते हैं कि अगर चीन को लगता है कि आने वाले समय में उसकी आर्थिक विकास और आर्थिक जीवन शक्ति में गिरावट होगी. इसका सीधा मतलब है कि उसे ये बात भली-भांति मालूम है कि आने वाले वक्त में उसकी सैन्य ताकत भी पहले के मुकाबले कम हो जाएगी. 


अमेरिका के पूर्व एनएसए ने कहा कि इस तरह से चीन अभी अपनी शक्ति के चरम पर है. उसे अपनी आर्थिक शक्ति के कम होने का खतरा भी है. इसका मतलब हुआ कि अगर उसे कुछ करना है, तो ये सबसे बेहतरीन समय है. उन्होंने इस बात की ओर इशारा किया कि चीन की नजर कहीं न कहीं ताइवान पर पड़ चुकी है. ऐसे में अब वह बस मौके की तलाश में है, जैसे ही उसे ये मिलेगा, वैसे ही वह ताइवान पर हमले को अंजाम दे सकता है. 


बोल्टन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर चीन हमले की तैयारी कर लेता है, तो अमेरिका अभी इससे निपटने क लिए तैयार नहीं है. चीन इसे एक मौके के तौर पर देखेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अपना रक्षा बजट कम होने दिया है और अब हम इसके परिणाम देख रहे हैं. बोल्टन का कहना है कि चीन के लिए एक बेहतरीन मौका है. मुझे लगता है कि यही एक वजह है, जिसे लेकर अब ताइवान को चिंतित होने की जरूरत है. 


चीन में आर्थिक मंदी


जिनपिंग के इशारे पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने देश की मंद होती अर्थव्यवस्था को अपने कंट्रोल में कर लिया है. चीन में आर्थिक मंदी का असर दिखना शुरू हो गया है. कई सारी कंपनियों के बंद होने की खबरें भी हैं. देश के एक्सपोर्ट में गिरावट हो रही है. रियल एस्टेट की कई दिग्गज कंपनियां दिवालिया हो रही हैं. इस वजह से ऐसा लगने लगा है कि चीन की शक्ति आने वाले दिनों में और भी ज्यादा कम होने वाली है. 


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