अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा आ चुका है. जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे. चुनाव के दिन से ही यह साफ होने लगा था कि डेमोक्रेटिक जो बाइडेन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस से बाहर जाने को मजबूर कर देंगे. मतगणना के आखिरी दौर में जब नेवाडा, पेंसिलवेनिया और जॉर्जिया में बाइडेन ने बढ़त बनाई तो उनकी जीत को लेकर जो थोड़े बहुत संदेह जताए जा रहे थे वे भी दूर हो गए. इन राज्यों में आगे बढ़ जाने पर बस यही सवाल बचे थे कि बाइडेन कहां से जीतेंगे, कब जीतेंगे और कितने वोटों से जीतेंगे.


शनिवार को जैसे ही पेंसिलवेनिया में न्यूज एजेंसी ने उनकी जीत की खबर दी तो इस मुकाबले का भी अंत हो गया. 20 इलेक्टोरल वोट वाले पेंसिलवेनिया में जीत का मतलब था कि बाइडेन 270 के जादुई आंकड़े से आगे निकल गए हैं. पेंसिलवेनिया एक तरह से बाइडेन के लिए आखिरी बड़ा मोर्चा था खासकर तब जब उन्होंने डेमोक्रेट्स के लिए फिर से 'ब्लू वॉल' को जीत लिया था. ये राज्य रिपब्लिकन उम्मीदवार के लिए बड़ी बाधा रहे हैं लेकिन ग्रेट लेक्स तिकड़ी- पेंसिल्वेनिया, विस्कॉन्सिन और मिशिगन ने 2016 में ट्रंप को सफलता दिलाई थी.


बाइडेन ने सन बेल्ट में भी एतिहासिक कामयाबी हासिल की है. वह 1996 के बाद एरिजोन में जीतने वाले पहले डेमोक्रेट बने हैं. उन्होंने जॉर्जिया में भी बड़ी बढ़त हासिल कर ली जहां पर 1992 से कोई डेमोक्रेट नहीं जीता है. डेमोक्रेट्स ने इलेक्शन डे को एक लैंडस्लाइड जीत की उम्मीद जताई थी लेकिन जल्द ही उनकी यह उम्मीद धूमिल पड़ने लगी क्योंकि  राष्ट्रपति का गोद लिया हुआ राज्य फ्लोरिडा मंगलवार को ट्रंप के खाते में चला गया.


चुनाव की रात दोनों ही उम्मीदवारों ने अपने पारंपरिक राज्य जीत लिए. बाइडेन के खाते में वेस्ट कोस्ट, न्यू इंग्लैंड और मिड अटलांटिक में डेमोक्रेटिक राज्य गए. वहीं ट्रंप ने अधिकांश साउथ, टेक्सास और रूरल, माउंटेन वेस्ट और मिडवेस्ट जीत लिए.


आखिर कहां चूक गए डोनाल्ड ट्रंप


यह चुनाव कई मायनों में कोरोना वायरस को लेकर ट्रंप के गलत मैनेजमेंट पर एक जनमत संग्रह था. इस चुनाव में कोरोना वायरस की वजह से पहली बार भारी संख्या में पोस्टल वोटिंग हुई. मेल बैलेट्स को गिनने और सत्यापित करने की प्रकिया भी लंबी और जटिल थी. हालांकि सिर्फ पांच ही राज्यों में डाक से चुनाव हुआ. यह डर बना हुआ था कि वोटिंग के लिए लंबी लाइनों और भीड़ भाड़ वाले पोलिंग स्टेशन की वजह से कोरोना ज्यादा फैल सकता है.


डाक बैलेट्स की गिनती जैसे-जैसे आगे बढ़ी यह साफ होता गया कि इन्होंने बाइडेन को चुना है. डाक बैलेट्स की वजह से ही बाइडेन की बढ़त आगे बढ़ने लगी. क्या यह ट्रंप की हार का एक बड़ा कारण है क्योंकि कई महीनों तक ट्रंप अपने समर्थकों को बताते रहे कि डाक से वोट डालना एक बड़ी धांधली का कारण हो सकता है. वह अपने समर्थकों को डाक वोटिंग के लिए हतोत्साहित करते रहे.


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