Pegasus Issue: अमेरिका ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए इजरायल के एनएसओ ग्रुप को ब्लैकलिस्ट कर दिया है. इजरायल का एनएसओ ग्रुप हाल के दिनों में जासूसी करने के मामलों को लेकर चर्चा के केंद्र में रहा था. एनएसओ ग्रुप ने ही पेगासस स्पाइवेयर बनाया था. अमेरिका सरकार का कहना है कि सरकार ने इसका इस्तेमाल जासूसी करने के लिए किया इसलिए एनएसओ को ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है.


अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने एक बयान जारी करते हुए जानकारी दी है कि पेगासस स्पाइवेयर कथित तौर पर पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, दुनिया भर के विपक्षी नेताओं की जासूसी करने के लिए इस्तेमाल किया गया. जिस कारण बुधवार को एनएसओ समूह और एक अन्य इजरायली कंपनी कैंडिरू को ब्लैकलिस्ट में शामिल किया गया है.


अमेरिकी वाणिज्य विभाग का कहना है कि एनएसओ समूह और एक अन्य इजरायली कंपनी कैंडिरू ने विदेशी सरकारों के लिए स्पाइवेयर बनाए थे. जो इसका इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों, पत्रकार, व्यवसायी और दूतावास के कर्मचारियों की जासूसी करने के लिए करते थे.


एनएसओ ग्रुप को ब्लैकलिस्ट किए जाने की कार्रवाई पर बताया गया है कि यह अमेरिकी सरकार के मानव अधिकारों को अपनी विदेश नीति के केंद्र में रखने के प्रयासों का हिस्सा है. इसके जरिए लोगों का गलत इस्तेमाल किए जाने वाले डिजिटल उपकरणों के प्रसार को रोकने के लिए काम करना शामिल है. साथ ही इसका उद्देश्य साइबर क्राइम को मुकाबला करना और गैरकानूनी निगरानी को कम करना है.


फिलहाल अमेरिका ने इजरायली कंपनी कैंडिरू और एनएसओ ग्रुप के अलावा दो अन्य कंपनियों को भी ब्लैकलिस्ट किया है. जिसमें सिंगापुर स्थित कंप्यूटर सिक्योरिटी इनिशिएटिव कंसल्टेंसी पीटीई (COSEINC) और रूसी फर्म पॉजिटिव टेक्नोलॉजीज शामिल है. ब्लैकलिस्ट किए जाने के बाद अब इन कंपनियों से अमेरिका में कुछ भी नहीं खरीदा जा सकेगा.


इसे भी पढ़ेंः
Indian Girl in Glasgow: COP26 सम्मेलन में भारत की बेटी का दमदार भाषण, पीएम मोदी समेत कई देशों के नेता थे मौजूद


कैंपसाइट से अगवा हुई बच्ची 18 दिन बाद मिली, बचावकर्मियों को बताया- माई नेम इज क्लियो